लाइव न्यूज़ :

धारा 377: जानिए समलैंगिकता पर बीजेपी और RSS के दिग्गजों ने क्या दिया राय

By धीरज पाल | Updated: July 13, 2018 18:45 IST

एलजीबीटी समुदाय में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर लोग आते हैं। बीते कई सालों से ये एलजीबीटी समुदाय मांग करता रहा है कि ये हमारी निजता का हनन है और धारा 377 और समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए।

Open in App

नई दिल्ली, 12 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट में 377 समलैंगिकता पर कानून पर सुनवाई का आज चौथा दिन है। एक तरफ जहां भारतीय दण्ड संहिता की धारा 377 (समलैंगिकता) को अपराध के दायरे से बाहर करने की तमाम याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है वहीं, दूसरी ओर पार्टियों बयानबाजी पर उतर आए हैं। इस मामले को लेकर बीजेपी के कई दिग्गज नेता अपने बयान जाहिर कर चुके हैं। बता दें कि एलजीबीटी जहां धारा 377 को अपराध की श्रेणी से बाहर निकालना चाह रहा है वहीं, बीजेपी पार्टी का मानना है कि इसे अपराध की श्रेणी में रखना चाहिए। बीजेपी समलैंगिकता को अप्राकृतिक संबंध मानता है। इस मसले को लेकर जानते हैं कि बीजेपी के किस नेता ने क्या कहा...

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले को लेकर कहा था कि पार्टी का मानना है कि समलैंगिकता अप्राकृतिक है और इसे अपराध की श्रेणी से बाहर नहीं किया जा सकता है। इससे पहले बीजेपी के नेता पीयूष गोयल और अरुण जेटली जैसे लोग एलजीबीटी के मांग का समर्थन किया था। इस मामले पर 2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर पियूष गोयल ने कहा था कि आधुनिक युग में सभी को अपनी पसंद चुनने का अधिकार है और हमें उसका सम्मान करना चाहिए। एक तरफ जहां बीजेपी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है, दूसरी ओर RSS समलैंगिकता रिश्तों का विरोध करता है।     

धारा 377 पर कल भी होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ करने वाली फैसला

समलैंगिकता पर LGBT समुदाय की राय 

एलजीबीटी समुदाय में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर लोग आते हैं। बीते कई सालों से ये एलजीबीटी समुदाय मांग करता रहा है कि ये हमारी निजता का हनन है और धारा 377 और समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए। एलजीबीटी समुदाय धारा 377 के खिलाफ समय-समय पर विरोध प्रदर्शन, रैली निकालकर प्रदर्शन कर चुका है।

बाबा रामदेव समलैंगिकता को सबसे बड़ी बिमारी मानते हैं। इसके अलावा उनका मानना है कि यह व्यवस्था परिवारिक व्यवस्था के खिलाफ है। गौरतलब है कि रामदेव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में  समलैंगिक (गे) समुदाय को अपने आश्रम में आने का आमंत्रण दिया था और दावे के साथ कहा था कि वे उनकी समलैंगिकता को सही कर सकते हैं। रामदेव ने यह भी कहा कि समलैंगिकता जेनेटिक नहीं है। हमारे माता पिता समलैंगिक होते तो हमारा जन्‍म नहीं हुआ होता,  इसलिए यह अप्राकृतिक है।

यह भी पढ़ें: आज होगी धारा 377 की याचिका पर सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मांग ठुकराई

सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 377 से सहमति से समलैंगिक यौन रिश्तों के अपराध के दायरे से बाहर होते ही एलजीबीटीक्यू समुदाय के प्रति इसे लेकर सामाजिक कलंक और भेदभाव भी खत्म हो जायेगा।

लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें।

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)एलजीबीटीसुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला