सेबी को सत्यम घोटाला मामले में सैट से झटका, 7,800 करोड़ घोटाले में पीडब्ल्यूसी पर लगाई रोक खारिज

By भाषा | Published: September 9, 2019 01:24 PM2019-09-09T13:24:17+5:302019-09-09T13:24:17+5:30

सत्यम घोटाला जनवरी, 2009 में सामने आया था। कंपनी के प्रवर्तक रामलिंग राजू ने करोड़ों रुपये के घोटाले की बात को स्वीकारा था। मामले में सेबी द्वारा पीडब्ल्यूसी पर लगाई गई रोक को दरकिनार करते हुये सैट ने कहा कि केवल राष्ट्रीय लेखापरीक्षा निगरानी संस्था भारतीय सनदी लेखा संस्थान (आईसीएआई) ही अपने सदस्यों के मामले में कोई कार्रवाई कर सकता है।

SEBI gets setback from SAT in the Satyam scam case, PwC ban banned | सेबी को सत्यम घोटाला मामले में सैट से झटका, 7,800 करोड़ घोटाले में पीडब्ल्यूसी पर लगाई रोक खारिज

सत्यम घोटाला जनवरी, 2009 में सामने आया था।

Highlightsसेबी ने पीडब्ल्यूसी पर दो साल तक किसी भी सूचीबद्ध कंपनी का आडिट करने पर रोक लगाने का आदेश दिया था।सैट ने मामले में आडिट कंपनी पीडब्ल्यूसी से आंशिक तौर पर 13 करोड़ रुपये लौटाने को मंजूरी दी है।

पूंजी बाजार नियामक सेबी को सत्यम घोटाला मामले में सैट की ओर से झटका लगा है। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने 7,800 करोड़ रुपये के सत्यम घोटाला मामले में प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) पर दो साल के लिये लगाई गई रोक के आदेश को खारिज कर दिया।

सेबी ने पीडब्ल्यूसी पर दो साल तक किसी भी सूचीबद्ध कंपनी का आडिट करने पर रोक लगाने का आदेश दिया था। हालांकि, सैट ने मामले में आडिट कंपनी पीडब्ल्यूसी से आंशिक तौर पर 13 करोड़ रुपये लौटाने को मंजूरी दी है।

सत्यम घोटाला जनवरी, 2009 में सामने आया था। कंपनी के प्रवर्तक रामलिंग राजू ने करोड़ों रुपये के घोटाले की बात को स्वीकारा था। मामले में सेबी द्वारा पीडब्ल्यूसी पर लगाई गई रोक को दरकिनार करते हुये सैट ने कहा कि केवल राष्ट्रीय लेखापरीक्षा निगरानी संस्था भारतीय सनदी लेखा संस्थान (आईसीएआई) ही अपने सदस्यों के मामले में कोई कार्रवाई कर सकता है।

आडिट करने में ढिलाई बरते जाने मात्र से ही धोखाधड़ी किया जाना साबित नहीं होता है। सैट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘सेबी को आडिट की गुणवत्ता को देखने और जांचने का कोई अधिकार नहीं है। सेबी इस मामले में केवल उपचारात्मक और बचाव वाली कार्रवाई कर सकता है। उसका निर्देश न तो उपचारात्मक है और न ही बचाव वाला बल्कि उसने दंडात्मक कार्रवाई की है।’’

हालांकि, सैट ने कहा कि काम ठीक से नहीं करने को लेकर पीडब्ल्यूसी को दी गई 13 करोड़ रुपये की फीस को ब्याज सहित वापस लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि आठ जनवरी, 2009 को तत्कालीन सत्यम कंप्यूटर सविर्सिज के संस्थापक और चेयरमैन बी रामलिंग राजू ने सार्वजनिक तौर पर कंपनी में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी होने की बात स्वीकार की और कंपनी के खातों में 5,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी स्वीकार की।

बाद में सेबी की जांच में यह पूरा घोटाला 7,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। रामलिंग राजू के कंपनी में घोटाले को स्वीकार करने के बाद सरकार ने सत्यम के निदेशक मंडल को भंग कर उसके स्थान पर नया बोर्ड बिठा दिया और कंपनी को बेचने की प्रक्रिया शुरू की। बाद में कंपनी का टेक महिन्द्रा ने अधिग्रहण कर लिया। 

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