दिल्ली के मुख्य सचिव से हाथापाई का मामला: महत्वपूर्ण घटनाक्रम

By भाषा | Updated: August 11, 2021 20:26 IST2021-08-11T20:26:45+5:302021-08-11T20:26:45+5:30

Scuffle with Delhi Chief Secretary: Important developments | दिल्ली के मुख्य सचिव से हाथापाई का मामला: महत्वपूर्ण घटनाक्रम

दिल्ली के मुख्य सचिव से हाथापाई का मामला: महत्वपूर्ण घटनाक्रम

नयी दिल्ली, 11 अगस्त दिल्ली की एक अदालत ने 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित हाथापाई से जुड़े मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के नौ विधायकों को बुधवार को आरोप-मुक्त कर दिया।

इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया था कि नौकरशाहों और सत्तारूढ़ सरकार के बीच कुछ समय तक गतिरोध बना रहा। घटना के लंबे कालक्रम ने दिल्ली में शासन की प्रकृति को भी चिह्नित किया जिसमें एक निर्वाचित सरकार और केंद्र द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल अनिल बैजल के नियंत्रण में आने वाली नौकरशाही शामिल थी।

तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने 20 फरवरी 2018 को आरोप लगाया कि 19 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक में उनके साथ मारपीट की गई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पुलिस की जांच के बीच अगले कुछ हफ्तों में नौकरशाहों और निर्वाचित आप सरकार के बीच टकराव रहा।

प्रकाश के आरोपों का केजरीवाल और सिसोदिया ने खंडन किया जबकि सत्तारूढ़ आप ने मुख्य सचिव पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के इशारे पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया।

पुलिस ने 19 फरवरी 2018 की रात को कथित घटना के 48 घंटे के भीतर मामले में आप विधायक प्रकाश जरवाल और अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, दोनों को मार्च 2018 में उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि कथित हमला होने पर मुख्यमंत्री मौजूद थे।

पुलिस ने 18 मई 2018 को केजरीवाल से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने मुख्यमंत्री के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। हालांकि, आप ने पुलिस के मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने का विरोध किया और केजरीवाल नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रियों ने शिकायत दर्ज कराने के लिए उपराज्यपाल से मुलाकात की।

पुलिस ने बैठक में मौजूद 11 विधायकों से भी पूछताछ की थी। घटना के कुछ दिनों बाद दिल्ली सरकार के नौकरशाहों ने सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ ‘‘शांतिपूर्ण विरोध’’ शुरू किया और मंत्रियों द्वारा आयोजित बैठकों में नहीं आए।

टकराव बढ़ने के बीच जून 2018 में नौकरशाहों द्वारा कथित हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के अपने तीन सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल कार्यालय में नौ दिनों तक धरना दिया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 13 अगस्त 2018 को केजरीवाल और सिसोदिया को आरोपी के रूप में नामजद करते हुए आरोपपत्र दाखिल किया। अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल समेत आप के 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया था। हालांकि, अक्टूबर 2018 में केजरीवाल, सिसोदिया और आप के नौ अन्य विधायकों को एक अदालत ने मामले में जमानत दे दी थी।

आप सरकार और नौकरशाहों के बीच कड़वाहट को दूर करने के लिए केजरीवाल ने अधिकारियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। इसके बाद अधिकारियों ने भी अपना रुख नरम किया और बैठकों में भाग लेने लगे। इसके बाद दिसंबर 2018 में प्रकाश को दूरसंचार विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया।

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Web Title: Scuffle with Delhi Chief Secretary: Important developments

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