एससी/एसटी एक्ट: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज दलितों का भारत बंद, सरकार दायर करेगी पुनर्विचार याचिका
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 2, 2018 03:42 AM2018-04-02T03:42:19+5:302018-04-02T03:42:19+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के तहत तुरंत होने वाली गिरफ्तारी और आपराधिक मामले दर्ज किए जाने को हाल ही में प्रतिबंधित कर दिया था।
नई दिल्ली, 2 अप्रैलः सोमवार को कई दलित संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। यह बंद सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी से रोक के फैसले के खिलाफ बुलाया गया है। देशभर में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया है। सोमवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाने वाली पुनर्विचार याचिका में यह कहे जाने की संभावना है कि शीर्ष न्यायालय का आदेश अनुसूचित जाति (एसी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के प्रावधानों को कमजोर करेगा। दरअसल, इस कानून का लक्ष्य हाशिये पर मौजूद तबके की हिफाजत करना है। गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने इस कानून के तहत तुरंत होने वाली गिरफ्तारी और आपराधिक मामले दर्ज किए जाने को हाल ही में प्रतिबंधित कर दिया था।
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कैप्टन अमरिंदर सिंह की अपील
पंजाब के भी कई संगठनों ने इस बंद में शामिल होने फैसला लिया है। जिसे देखते हुए पंजाब सरकार ने सार्वजनिक परिवहन सेवा के साथ ही, सारे शैक्षिक संस्थान और मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला लिया है। मुख्य सचिव करण ए सिंह ने रक्षा विभाग को चिट्ठी लिखी है कि अगर बंद के दौरान हालात बिगड़ने पर पंजाब सरकार को सेना की मदद की जरूरत हो तो वो तैयार रहें। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सोमवार को इराक में मृतक भारतीयों के अवेशष आएंगे। उन्होंने अपील की उनके साथ कोई छेड़छाड़ ना की जाए।
Punjab CM appealed to protesters to ensure that mortal remains of the Iraq victims, that are expected to arrive in Amritsar tomorrow, are allowed to be transported to their native villages without any impediment, also directed police to provide strict security for the same. pic.twitter.com/MBCvYNxkMF
— ANI (@ANI) April 1, 2018
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सीबीएसई की परीक्षाएं टली
सीबीएसई ने भारत बंद को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने 2 अप्रैल को पंजाब में होने वाली सभी परीक्षाओं को टाल दिया है। हालांकि यह परीक्षाएं दोबारा कब होंगी इसकी घोषणा नहीं की गई है। इसबीच, गहलोत ने शीर्ष न्यायालय के फैसले का विरोध कर रहे विभिन्न संगठनों और लेागों से शुक्रवार को अपना प्रदर्शन वापस लेने की अपील की। वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग करते हुए कहा कि मूल अधिनियम को बहाल किया जाना चाहिए।
SC's decision on SC/ST Protection Act wouldn't be able to provide justice to suppressed ppl. Union govt took cognizance of it & Law ministry with our ministry, took decision that review petition will be filed against SC's decision:TC Gehlot,Union Min of Social Justice&Empowerment pic.twitter.com/ksgyOVEtBd
— ANI (@ANI) April 1, 2018
एनडीए के सहयोगी दलों ने लिखी थी चिट्ठी
लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत के नेतृत्व में एनडीए के एसएसी और एसटी सांसदों ने इस कानून के प्रावधानों को कमजोर किए जाने के शीर्ष न्यायालय के फैसले पर चर्चा के लिए पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। गहलोत ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका के लिये हाल ही में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को एक पत्र लिखा था। उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि यह आदेश इस कानून को निष्प्रभावी बना देगा और दलितों एवं आदिवासियों को न्याय मिलने को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा।
PTI Bhasha Inputs