नई दिल्ली: लोगों को विकलांग बनाने के लिए जिम्मेदार खतरनाक फ्लोराइड का पता अब पलक झपकते ही लगाया जा सकेगा. विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिकों ने ऐसी किट तैयार की है जिससे घर बैठे ही महज कुछ सेकंड में पानी में मौजूद फ्लोराइड की मात्रा की जानकारी मिल जाएगी. महाराष्ट्र सहित देश के 17 राज्यों के करोड़ों लोगों के लिए यह तकनीक वरदान साबित हो सकती है.
नैनो विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी संस्थान के विशेषज्ञ ने बताया कि इस किट में पानी की कुछ बूंदे डालते ही पानी में मौजूद फ्लोराइड किट के रसायनों से प्रतिक्रि या कर गहरा लाल या मैरून रंग का हो जाता है. इस प्रकिया में तीन सेकंड तक का ही समय लगता है. फ्लोराइड की मात्रा जितनी अधिक होगी रंग उतना ही अधिक गहरा होगा.
महाराष्ट्र सहित देश के 17 राज्यों में पानी में फ्लोराइड
उन्होंने बताया कि यह फ्लोराइड का पता लगाने वाली अब तक की सबसे सस्ती किट होगी. पेपर बेस इस किट को पेटेंट कराने की प्रक्रि या भी शुरू की गई है. अभी तक दो निजी कंपनियों ने इसे बाजार में उतारने को लेकर अपनी रु चि दिखाई है. 17 राज्यों में फ्लोराइड की समस्या महाराष्ट्र सहित देश के 17 राज्यों में पानी में फ्लोराइड बड़ी समस्या है.
इसे पीने से फ्लोरोसिस नाम की गंभीर बीमारी होती है. जिससे दांत खराब होने से लेकर हड्डियां टेढ़ी होने लगती हैं और इसके लगातार इस्तेमाल से विकलांगता की भी स्थिति आ जाती है. हर वर्ष खर्च किए जाते हैं हजारों करोड़ रु पए फ्लोराइड की समस्या किस कदर गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में सरकार ने लोकसभा में बताया कि 27,544 ग्रामीण क्षेत्रों में पानी में फ्लोराइड की मौजूदगी की बात स्वीकार की थी.
नागपुर में सबसे अधिक पानी में पाया गया
इससे प्रभावित राज्यों को 2016-17 में लगभग 4,000 करोड़ रु पए दिए गए थे. नागपुर,चंद्रपुर समेत 1563 जगहों पर समस्या नागपुर और उसके आसपास के कई जिलों में हाल ही में लिए गए पानी के 1,563 नमूनों में फ्लोराइड की पुष्टि हुई थी. नागपुर में सबसे अधिक 764 और चंद्रपुर में 723 स्थानों पर पानी में फ्लोराइड की पाया गया है. इनके अतिरिक्त वर्धा, भंडार, गड़चिरोली और गोंदिया में भी कई स्थानों पर कुंए और बोरवेल के पानी में स्वास्थ्य के लिए इस घातक तत्व मिला है.