छात्रों को मिलेगा अनुसूचित जनजातीय समाज को जानने का मौका, जानिए पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 8, 2022 03:27 PM2022-02-08T15:27:29+5:302022-02-08T17:33:43+5:30
राष्ट्रीय जनजाति आयोग के प्रोग्राम के पहले बैच में विभिन्न विश्वविद्यालयों से 30 छात्रों को तीन माह की इंटर्नशिप के लिए चुना गया है। छात्र जनजातीय इलाकों में तीन माह तक रहकर जनजाति समाज के बारे में जानेंगे और उस पर अपनी रिपोर्ट बनाकर आयोग को देंगे।
नई दिल्लीः अनुसूचित जनजाति समाज के बारे में छात्र बारीकी से जान सकें इसलिए अनुसूचित जनजाति आयोग ने एक इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया है। यह पहली बार है कि आयोग की तरफ ऐसी पहल की गई है। इसके तहत देशभर के विभिन्न राज्यों से छात्रों ने आवदेन किए थे।
वहां से मिले छात्रों के आवेदनों में से 30 छात्रों को तीन माह की इंटर्नशिप के लिए चुना गया है। छात्रों के आने—जाने और रहने की व्यवस्था आयोग द्वारा की जाएगी। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों आयोग ने अपनी वेबसाइट पर तीन माह के इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए छात्रों से आवेदन मांगे थे।
सैकड़ों छात्रों ने अनुसूचित जनजाति आयोग के इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन किया था
जनजाति मामलों में रुचि रखने वाले सैकड़ों छात्रों ने अनुसूचित जनजाति आयोग के इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन किया था। इन आवेदनों की स्क्रूटनी की गई और उसमें से 30 छात्रों को चुना गया। अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा महाराष्ट्र आदि राज्यों के विश्वविद्यालयों से छात्रों ने आवेदन किए थे।
आयोग द्वारा चुने गए इन छात्रों को पहले एक सप्ताह तक जनजाति समाज और उससे संबंधित विषयों के बारे में जानकारी दी जाएगी। शिक्षाविद, विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक, जनजातीय मामलों के विशेषज्ञ छात्रों को एक सप्ताह तक इस बारे में जानकारी देंगे। इसके बाद छात्रों को विभिन्न राज्यों में जनजातीय इलाकों में भेजा जाएगा।
रिपोर्ट बनाकर आयोग को देंगे
छात्र वहां तीन महीने तक रहकर जनजातीय समाज के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं, उनको मिलने वाली सुविधाओं आदि का अध्ययन करेंगे और इसके बाद एक रिपोर्ट बनाकर आयोग को देंगे। छात्रों के रहने—आने जाने और खाने की व्यवस्था अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा की जाएगी।
छात्रों को मानदेय भी दिया जाएगा जो 5 से 15 हजार रुपए तक होगा। इस इंटर्नशिप का उद्देश्य छात्रों को जनजाति समाज का अनुभव दिलाना और जनजाति समाज से जुड़े हुए विषयों के प्रति जागरूकता लाना है। छात्रों द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर आयोग आगे की अपनी भूमिका तक करेगा।