SBI Electoral Bonds data: चुनावी बॉन्ड योजना से गंभीर भ्रष्टाचार, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बोला भाजपा पर हमला
By एस पी सिन्हा | Published: March 16, 2024 02:32 PM2024-03-16T14:32:07+5:302024-03-16T14:33:20+5:30
SBI Electoral Bonds data: भाजपा सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी है। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए मिले हैं।
SBI Electoral Bonds data: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भाजपा पर योजनाबद्ध तरीके से चुनावी बॉन्ड योजना के माध्यम से गंभीर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि जो डाटा आया है वो खुद समझने वाला बात है कि आखिर कौन कितना सच बोल रहा था और किस पार्टी ने क्या कुछ किया है। कन्हैया कुमार ने कहा कि चुनावी बॉन्ड से जो बातें आई है वही बातें तो मैं पहले से कहता रहा हूं। उन्होंने कहा कि पहले किसी कंपनी पर ईडी सीबीआई की छापेमारी होती है, उसके बाद वह कंपनी भाजपा को चंदा दे देती है। उसके बाद यह केस चलना बंद हो जाता है।
इसी मॉडल पर तो हम लोग हमेशा से बोलते आए हैं। कन्हैया कुमार ने कहा कि भाजपा वाले भ्रष्टाचार को कानूनी रूप दे दिए हैं, इनका कानूनी रूप देने का तरीका यह है कि तुम मुझे चंदा दो मैं तुम्हें धंधा दूंगा। जो लोग भाजपा को चंदा देते हैं उसका काम चलता है उसकी राजनीति भी चलती रहती है और जो लोग भाजपा को चंदा नहीं देता है उसकी दुकान नहीं चलती है।
उन्होंने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड को एक्सटॉर्शन बॉन्ड बताते हुए कहा कि यह एक्सटॉर्शन बॉन्ड है। यह सीधे-सीधे सरकार वसूली कर रही है। कंपनियों से बिजनेस पर्सन से और मोदी जी जो कहते थे ना खाऊंगा ना खाने दूंगा यह उसका उल्टा है यह खा भी रहे हैं और खिला भी रहे हैं। इतना ही नहीं जो इनको फायदा दे रहा है वहीं यहां काम कर पा रहा है, वरना सबकी दुकाने बंद हो रही है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी किया। इसके मुताबिक भाजपा सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी है। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए मिले हैं। लिस्ट में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (1,609 करोड़) और तीसरे पर कांग्रेस पार्टी (1,421 करोड़) है।
हालांकि, किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है, इसका लिस्ट में जिक्र नहीं किया गया है। हालांकि, इसको लेकर अमित शाह का कहना है कि हमारे पास सांसद की संख्या अधिक है तो चंदा अधिक है, उसके पास तो महज 52 सांसद है तो फिर इतने रकम कैसे इसका जवाब देना चाहिए।