Sawan Special: बिहार का चंदन बना कलयुग का श्रवण कुमार, बुजुर्ग माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर 105 KM वाले बाबाधाम की यात्रा पर निकले बेटा-बहू
By आजाद खान | Published: July 18, 2022 04:27 PM2022-07-18T16:27:38+5:302022-07-18T16:36:29+5:30
Sawan Special: चंदन को अपने बुजुर्ग मां-बाप को बाबाधान की यात्रा कराने का विचार तब आया जब वह हर महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करता था। ऐसे में पिता-माता के बुढ़े होने के कारण उसने श्रवण कुमार की तरह उनको यात्रा कराने को ठान लिया था।
Sawan Special:बिहार के जहानाबाद के रहने वाले चंदन कुमार ने श्रवण कुमार की तरह अपने बुजुर्ग माता-पिता को एक बहंगी में बिठाकर बाबाधाम की यात्रा के लिए निकले है। इस यात्रा में उनकी पत्नी रानी देवी भी उनका साथ दे रही है।
न्यूज 18 की एक खबर के अनुसार, जिस तरीके से श्रवण कुमार ने अपने बुढ़े मां-बाप को तीर्थ यात्रा कराई थी, उसी तरीके से चंदन भी अपने माता-पिता को बाबाधाम की यात्रा कराने के लिए निकल गए है। चंदन और उसकी पत्नी ने रविवार को सुल्तानगंज से जल भरकर बहंगी के साथ रवाना हो गए है।
क्यों 105 किलोमीटर की यात्रा के लिए तैयार हुआ चंदन
खबर के अनुसार, चंदन ने बताया कि वह हर महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करता था, ऐसे में उसी दौरान उसके मन में इच्छा हुई कि वह अपने माता-पिता को देवघर का दर्शन कराए।
लेकिन उसने फिर सोचा कि उसके माता-पिता के बुढ़े होने के कारण, वे 105 किलोमीटर की लंबी यात्रा को तय नहीं कर पाएंगे। इसके बाद उसने श्रवण कुमार की तरह अपने मां-बाप को बाबाधाम की यात्रा कराने का मन बनाया और इसे पूरा भी करने को ठान लिया।
पत्नी और मां-बाप का लिया राय
चंदन ने जब अपनी योजना के बारे में अपनी पत्नी से बताया तो वह भी उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गई और वह भी अपने सास-ससुर को बाबाधाम की यात्रा कराने की ठान ली। फिर इन दोनों ने माता पिता से इसकी अनुमति ली और फिर इसकी तैयारी में लग गए।
श्रवण कुमार की तरह बनवाया बहंगी
इसके बाद चंदन श्रवण कुमार की तरह बहंगी बनवाने लगा और आखिरकार रविवार को वह अपने माता पिता को श्रवण कुमार की तरह बैठाकर सुल्तानगंज से जल भरा और अपनी पत्नी के साथ निकल गया। चंदन ने बहंगी में आगे पिता को बैठाया और पीछे माता को और फिर वह निकल गया। उसके ठीक पीछे उसकी पत्नी चंदन को स्पोर्ट दे रही है।
पत्नी ने जताई खुशी, लोग ने की सराहना, माता पिता ने दिया आशीर्वाद
इस पर जब चंदन की पत्नी से पूछा गया तो उसने बताया कि वह बहुत खुश है कि वह इस तरीके से अपने सास-ससुर की सेवा कर पा रही है। उसने यह भी कहा कि लोग उन दोनों के हौंसलों का मीसाल भी दे रहे है और उनकी खूब सराहना भी कर रहे है।
वहीं जब चंदन के इस जज्बे को देखते हुए उसके माता पिता की राय पूछी गई तो उन लोगों ने यही कहा कि वे अब केवल उन्हें आशीर्वाद ही दे सकते है। उन लोगों ने अपने पुत्र और बहु के लिए भगवान से प्रार्थना भी करने की बात कही है।