महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जोड़-तोड़ के बीच शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के नेता आपस में बातचीत कर रहे हैं। उसी बीच शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा है कि कांग्रेस-शिवसेना में फिलहाल समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस और एनसीपी से हमारी बातचीत अब भी जारी है। फिलहाल किसी तरह का कोई समझौता नहीं हुआ है। महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश ना किए जाने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, लोगों के बीच यह अफवाह फैलाई जा रही है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात की है और हम किसी समझौते पर पहुंचे हैं। उद्धव ठाकरे की ओर से मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह खबरें बिल्कुल गलत हैं और इन्हें तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद से सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की रिपोर्ट पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी । राज्य में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी दल सरकार नहीं बना पाया है।
भाजपा और शिवसेना ने विधानसभा चुनाव साथ साथ लड़ा था और गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ था। लेकिन मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर मतभेद होने के चलते दोनों दल सरकार नहीं बना सके। शिवेसना ने इस बात पर अड़ी हुई थी कि दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री सहित सत्ता का 50 : 50 अनुपात बंटवारा हो।
पार्टी ने दावा किया कि इस फार्मूले पर चुनाव पूर्व दोनों दलों के बीच सहमति बनी थी। भाजपा ने हालांकि ऐसा कोई फार्मूला तय होने से इंकार किया था । इसके बाद पार्टी ने रविवार को स्पष्ट किया था कि उसके पास सरकार बनाने लायक संख्या नहीं है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास 56 सीटें हैं जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।