संजय राउत ने 'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' किताब वापस लेने पर कहा- यह शिवाजी महाराज के सम्मान का विषय था, BJP ने मांगी मांफी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 14, 2020 12:09 PM2020-01-14T12:09:26+5:302020-01-14T12:09:26+5:30
इस किताब के कारण विरोध तेज होने के बाद पार्टी ने विवाद को शांत करने के लिए ऐसा कदम उठाया। पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, 'जय भगवान गोयल (लेखक) की किताब से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।
'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' किताब पर हुए विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार (13 जनवरी) को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज से तुलना वाली किताब के लेखक ने अपनी किताब वापस ले ली है। इसके बाद मंगलवार को संजय राउत ने कहा कि "आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी" किताब की वापसी एक तरह से छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र के सम्मान और गर्व का विषय था। बीजेपी ने किताब वापस ले ली है और इसके लिए माफी मांगी है, इसलिए मुझे लगता है कि इस मामले को शांत करना चाहिए।
Sanjay Raut, Shiv Sena on withdrawal of book "Aaj ke Shivaji: Narendra Modi": This was a matter of honour and pride of Chhatrapati Shivaji Maharaj and Maharashtra. BJP has withdrawn the book and apologised for it, so I think the matter should be put to rest. pic.twitter.com/NBcWZenR41
— ANI (@ANI) January 14, 2020
इस किताब के कारण विरोध तेज होने के बाद पार्टी ने विवाद को शांत करने के लिए ऐसा कदम उठाया। पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, 'जय भगवान गोयल (लेखक) की किताब से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।
इसके बाद भाजपा ने यह भी कहा कि उन्होंने निजी हैसियत से यह किताब लिखी है। उन्होंने भावनाएं आहत करने के लिए महाराष्ट्र और बाहर के लोगों से खेद भी प्रकट किया है। उन्होंने किताब वापस ले ली है। अब विवाद का अंत हो जाना चाहिए।'
इससे पहले शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने भाजपा नेता जयभगवान गोयल द्वारा लिखित 'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' पुस्तक के विमोचन पर भाजपा को आड़े हाथ लिया। इसे लेकर शिवसेना के साथ-साथ राकांपा ने भी भाजपा को निशाने पर लिया। राऊत ने पिछले दिनों भाजपा में शामिल होने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशजों पूर्व सांसद उदयनराजे भोसले, विधायक शिवेंद्रराजे भोसले और सांसद संभाजीराजे भोसले से पूछा है कि क्या छत्रपति के वंशजों को यह मंजूर है?