शादी के बहाने धर्मांतरण कराये जाने के खिलाफ कानून लाने वाले राज्यों का समर्थन करता है संघ: होसबाले

By भाषा | Updated: March 20, 2021 22:12 IST2021-03-20T22:12:33+5:302021-03-20T22:12:33+5:30

Sangh supports states that bring laws against conversion on the pretext of marriage: Hosabale | शादी के बहाने धर्मांतरण कराये जाने के खिलाफ कानून लाने वाले राज्यों का समर्थन करता है संघ: होसबाले

शादी के बहाने धर्मांतरण कराये जाने के खिलाफ कानून लाने वाले राज्यों का समर्थन करता है संघ: होसबाले

बेंगलुरु, 20 मार्च राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नव निर्वाचित सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने लड़कियों को विवाह और धर्मांतरण के लिए प्रलोभन दिये जाने की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि संघ इस कृत्य के खिलाफ कानून लाने वाले राज्यों का समर्थन करता है।

भारत के विमर्श के बारे में सही जानकारी देने को लक्षित एक बौद्धिक अभियान की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि संघ आने वाले दिनों में संघ इस दिशा में काम करेगा।

संघ के सरकार्यवाह (महासचिव) होसबाले ने कहा, ‘‘...अदालतें ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करती हैं, हम नहीं करते। धर्मांतरण के लिए शादी जैसे किसी गलत उद्देश्य को लेकर लड़कियों को प्रलोभन दिये जाने या उन्हें किसी दूसरे देश में ले जाए जाने की निंदा करनी होगी तथा इसका विरोध करना होगा।’’

उन्होंने कहा कि यहां तक कि कुछ राज्य इसके खिलाफ कानून लाकर आगे आए हैं और संघ उन राज्यों का समर्थन करता है तथा इसमें धर्म का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

कर्नाटक सरकार भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की तर्ज पर अंतर-धार्मिक विवाहों के खिलाफ कानून लाने की बात कहती रही है।

होसबाले,संघ की दो दिवसीय वार्षिक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के दौरान शनिवार को सरकार्यवाह निर्वाचित हुए। यह सभा संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है। शुक्रवार को यह बैठक शुरू हुई थी।

होसबाले ने कहा, ‘‘भारत का अपना विमर्श है। इसकी सभ्यता के अनुभव और इसके विवेक को नये भारत के विकास के लिए अगली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा।’’

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हिंदू समाज में छुआछूत और जाति आधारित असमानता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। संघ में ऐसे हजारों लोग हैं, जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किये हैं।’’

सरकार्यवाह ने कहा कि संविधान में प्रदत्त आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक कि इसकी समाज में जरूरत है और संघ ने भी इस पर एक प्रस्ताव पारित किया है।

होसबाले ने कहा, ‘‘हमारा संविधान भी कहता है कि समाज में जब तक पिछड़ापन मौजूद है, तब तक आरक्षण की जरूरत है। आरएसएस भी इसकी पुष्टि करता है।’’

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि राम मंदिर निर्माण पूरे देश की इच्छा है और महज संघ या किसी एक पार्टी का एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों ने दलगत भावना से ऊपर उठते हुए राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘न सिर्फ हिंदू, बल्कि अन्य धर्मों के लोगों ने भी अपना सहयोग दिया है। ’’

होसबाले ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने जो कहा है, हम उसका पालन कर रहे हैं। पूरा देश अभियान का हिस्सा है और अभियान के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं, वे अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते ऐसा कर रहे हैं। ’’

महिलाओं के परिधान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की टिप्पणी जैसे विभिन्न मुद्दों को संघ से जोड़े जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘...ये चीजें संघ से प्रेरित होकर नहीं हुई हैं। आरएसएस जो कुछ करता है सार्वजनिक रूप से करता है और लोग उस बारे में जानते हैं।’’

केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नागपुर स्थित संघ मुख्यालय से संचालित होने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है और यह कहना गलत है कि सत्तारूढ पार्टी किसी स्थान से संचालित हो रही है।

होसबाले ने राम मंदिर निधि समर्पण अभियान को लेकर पारित किये गये प्रस्ताव पर भी चर्चा की।

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Web Title: Sangh supports states that bring laws against conversion on the pretext of marriage: Hosabale

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