मुंबई, 22 अगस्तः महाराष्ट्र एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) ने पालघर मामले में बड़ा खुलासा किया है। रिपब्लिक टीवी की एक खबर के मुताबिक पालघर मामले का सीधा कनेक्शन सनातन संस्था से है। इतना ही नहीं महाराष्ट्र एटीएस ने यहां तक कहा कि सनातन संस्था एक राष्ट्रव्यापी आतंकी संगठन है। जरूरत पड़ने पर एटीएस सनतान संस्था के फाउंडर जयंत अाठवले से पूछताछ भी करेगी। खबर के मुताबिक इस संस्था में कई ग्रुप्स काम करते हैं। एक ग्रुप को दूसरे ग्रुप के बारे में पता नहीं होता। यानी कि एक बेहद व्यस्थित तरीके से चलने वाला और गुप्त रूप काम करने वाला संस्था है। यह करीब बीते 10 सालों से सक्रिय है और कई तरह की कोशिशें करती रही है। अब इसके सदस्यों ने बम-गोला-बारूद बनाना भी सीख लिया है। उल्लेखनीय है इस संस्था को कुछ राजनैतिक शह मिलने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने शिव सेना के कॉर्पोरेटर श्रीकांत पांगारकर को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। उन पर कच्चे बम बनाने वाले कई संस्थाओं से लिंक होने की आशंका जताई जाती है। वह भी सनातन संस्था के सदस्य बताए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 17 अगस्त को वैभव राऊत को उनके घर से भारी मात्रा में विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
कौन है वैभव राउत
वैभव राउत, उम्र 40 साल। राउत नालासोपारा में कथित तौर पर हिंदू गौवंश रक्षा समिति का संचालन करता है। नालासोपारा पश्चिम में भंडार आली में राउत के घर और निकटवर्ती दुकान में छापे में 20 देशी बम, दो जिलेटिन छड़, 22 नॉन इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, 150 ग्राम विस्फोटक पाउडर, जहर की दो बोतल, बैटरी आदि सामान मिला है। राउत सनातन संस्था से भी ताल्लुक रखता है, जिस पर (तर्कवादी) नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, एमएम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोप हैं।
दि इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक राउत के पास बरामद हुई विस्फोटक सामग्री धमाके लिए बिल्कुल तैयार थी। उसके पास से जो बम बरामद हुए हैं, वे बिल्कुल रेडी टू यूज थे। एक सूत्र के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस कहता है कि वे जल्द ही किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। स्वतंत्रता दिवस और बकरीद का त्योहार इनके निशाने पर था। वे एक ऐसा तंत्र बना रहे थे जिससे एक ही समय पर कई जगहों पर हिंसा भड़काई जाए।
पालघर के एसपी मंजूनाथ सिंघे के अनुसार, वैभव पर पुलिस कई दिनों से नजर रखी हुई थी। वह एक स्वयंभू गोरक्षक है। उसके खिलाफ पहले ही गड़बड़ी करने के अंदेशे के आधार पर कुछ आदेश जारी हो चुके थे। राउत नालासोपारा में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ एक दोमंजिला बंगला में रहता है। पड़ोसियों के अनुसार वह एक 'गौरक्षक' है। वह स्वयंभू गौरक्षक है और आसपड़ोस में लगातार बीफ को लेकर छापेमारी किया करता था। उसने अपने आसपास कई जगहों बीफ बैन कर रखी थी।
सुधनवा गोंधालेकर: उम्र 39 साल। सतारा का रहने वाला सुधनवा श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दूस्तान का सदस्य है, जिसका मुखिया संभाजी भिंडे है। भिंडे को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में भड़की हिंसा के दो मामलों में आरोपी बनाया गया था। इसके पास से पुलिस को बम बनाने की विधि आदि को लेकर कई सारे नोट्स और वीडियोज मिले हैं। साथ ही बम बनाने की सामग्री भी।
शरद कालस्करः उम्र 25 साल। इसे नालासोपारा में वैभव राउत के साथ ही गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला कि यह बम बनाने की ट्रेनिंग देता था। यह बम बनाने में माहिर शख्स है। इसके पास से पुलिस को कई हिंसक औजार बनाने की जानकारी रखने वाली सामग्री बरामद हुई है।
पुलिस के अनुसार इन तीनों से ऐसे मामलों के बारे में पूछताछ की जाएगी जिनमें दक्षिणपंथी अतिवादियों की भूमिका संदिग्ध है। हालांकि सनातन संस्था ने इन तीनों को अपना सदस्य मानने से इंकार कर दिया है।
जब्त सामग्री फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी भेजी गयी है। एटीएस दस्ता जांच कर रहा है कि क्या ये लोग इस महीने बकरीद के पहले कोई आतंकवादी हमला करने की साजिश रच रहे थे। एटीएस ने तीनों को आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), विस्फोटक कानून के प्रावधानों के साथ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की धारा 16 (आतंकी कृत्य के लिए सजा), 18 (आतंकी कृत्य के लिए साजिश) और 20 (आतंकवादी गिरोह का सदस्य होना) के तहत गिरफ्तार किया है।