Sambhal Mosque Survey: जामा मस्जिद सर्वे पर बवाल, संभल में इंटरनेट-स्कूल बंद, भारी हिंसा के बाद भारी पुलिस बल तैनात
By अंजली चौहान | Updated: November 25, 2024 09:16 IST2024-11-25T09:13:59+5:302024-11-25T09:16:21+5:30
Sambhal Mosque Survey: संभल के जिला मजिस्ट्रेट ने एक मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान हिंसा के बाद बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जन प्रतिनिधियों के बिना पूर्व अनुमति के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।

Sambhal Mosque Survey: जामा मस्जिद सर्वे पर बवाल, संभल में इंटरनेट-स्कूल बंद, भारी हिंसा के बाद भारी पुलिस बल तैनात
Sambhal Mosque Survey: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मस्जिद के सर्वेक्षण के कारण हिंसा हो गई है। जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई। जिले में भारी हिंसा के कारण पुलिस बल तैनात किया गया है जहां कफ्यू जैसे हालात हो गए हैं। इस घटना के बाद संभल के जिला मजिस्ट्रेट ने एक मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान हिंसा के बाद बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जन प्रतिनिधियों के बिना पूर्व अनुमति के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।
25 नवंबर से प्रभावी यह आदेश भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के तहत उल्लंघन के लिए दंड लागू करता है। यह कदम 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई झड़पों के बाद आया है, जिसके कारण पथराव और हिंसा हुई थी। इस घटना में तीन लोग मारे गए और कानून प्रवर्तन अधिकारियों सहित लगभग दो दर्जन घायल हो गए। अधिकारियों द्वारा प्रतिबंध लागू करते हुए इंटरनेट सेवाएं 24 घंटे के लिए निलंबित कर दी गई हैं।
इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है और हिंसा की निंदा की है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए इसे "सुनियोजित साजिश" बताया। एआईसीसी के मीडिया एवं प्रचार (संचार विभाग) के अध्यक्ष खेड़ा ने एक बयान में कहा, ""बटेंगे तो कटेंगे"" का निंदनीय नारा देने वाले सीएम आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश में कोई भी नागरिक "सुरक्षित" नहीं है।
आज संभल की बेहद निंदनीय घटनाओं से यह स्पष्ट है। संभल में प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी के वीडियो सीएम आदित्यनाथ और भाजपा-आरएसएस की सुनियोजित साजिश का भयावह परिणाम दर्शाते हैं। वर्षों से सद्भावना और सौहार्द का प्रतीक रहा पश्चिमी उत्तर प्रदेश आज सुनियोजित साजिश के तहत तीन लोगों की हत्या और कई लोगों के घायल होने का गवाह बना।"
#WATCH | Drone visuals from Uttar Pradesh's Sambhal where an incident of stone pelting took place when a survey team arrived to conduct a survey of Shahi Jama Masjid yesterday
— ANI (@ANI) November 25, 2024
Security has been enhanced in the area. pic.twitter.com/lvgyJ6kWfW
रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को यहां मुगलकालीन मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 20 सुरक्षाकर्मियों तथा प्रशासन के चार कर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए।
प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया।
मुरादाबाद के संभागीय आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने कहा, "उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं... पुलिस अधीक्षक के पीआरओ के पैर में गोली लगी, पुलिस सर्कल अधिकारी को छर्रे लगे और हिंसा में 15 से 20 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।" अधिकारियों ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत आरोप लगाए जाएंगे।
अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि एहतियात के तौर पर पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं एक दिन के लिए निलंबित कर दी गई हैं। संभल तहसील में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और जिला प्रशासन ने 25 नवंबर को कक्षा 12 तक के सभी छात्रों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन, जो मामले में याचिकाकर्ता हैं, ने कहा कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक “एडवोकेट कमीशन” के गठन का आदेश दिया था। अदालत ने निर्देश दिया कि सर्वेक्षण के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने के बाद एक रिपोर्ट दायर की जाए। रविवार को जैन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से "मंदिर" का नियंत्रण अपने हाथ में लेने की अपील की।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने दावा किया कि इस स्थान पर पहले एक मंदिर था जिसे मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कर दिया था।