उर्वरकों की बिक्री वित्तवर्ष 2021 में उत्तरार्द्ध में कम हो सकती है: इंडिया रेटिंग्स

By भाषा | Updated: September 1, 2020 05:37 IST2020-09-01T05:37:13+5:302020-09-01T05:37:13+5:30

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि उर्वरकों की कुल बिक्री में यूरिया का बड़ा योगदान है। इसकी बिक्री कम मूल्य होने के कारण बढ़ी है।

Sales of fertilizers may fall to the latter in FY 2021: India ratings | उर्वरकों की बिक्री वित्तवर्ष 2021 में उत्तरार्द्ध में कम हो सकती है: इंडिया रेटिंग्स

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsनाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटाश-सल्फर (एनपीकेएस) में 86 फीसदी की जोरदार वृद्धि देखी गई।एनपीकेएस के बाद डी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और पोटाश (एमओपी) म्यूरेट के मांग में वृद्धि हुई है।

मुंबई: देश की उर्वरक बिक्री वर्ष 2020-21 में 10-15 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है, हालांकि, वित्त वर्ष की पहली छमाही में देखी जाने वाली तेजी दूसरी छमाही के दौरान कुछ कम होने की संभावना है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने एक रिपोर्ट में कहा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उर्वरक की बिक्री में अभी तक वित्तवर्ष 2021 के प्रथम छमाही में जो विकास की गति देखी गयी है उसके, जलाशयों में पर्याप्त जल भंडार और बेहतर मानसून की संभावनाओं के बावजूद, जारी रहने की संभावना नहीं है। हालांकि, पिछले वित्तवर्ष की तुलना में वित्तवर्ष 2021 के दौरान उर्वरक की बिक्री 10-15 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है जिसे पहली छमाही की बिक्री के बढ़ने का समर्थन होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खरीफ सत्र में बुआई के रकबे में बढ़ोतरी, मजदूरों की अधिक उपलब्धता, आगामी रबी सत्र के लिए अनुकूल मानसून की संभावनाएं, प्रमुख उर्वरक खपत वाले क्षेत्रों के जलाशयों के स्तर में वृद्धि और किसानों के धन की उपलब्धता जैसे कारणों की वजह से पहली छमाही में बिक्री के स्तर में वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि उर्वरकों की कुल बिक्री में यूरिया का बड़ा योगदान है। इसकी बिक्री कम मूल्य होने के कारण बढ़ी। नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटाश-सल्फर (एनपीकेएस) में 86 फीसदी की जोरदार वृद्धि देखी गई, इसके बाद डी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और पोटाश (एमओपी) म्यूरेट का स्थान आता है।

हालांकि, कोविड-19 महामारी के प्रसार बढ़ने के कारण उपरोक्त अनुकूल स्थितियों के बावजूद रबी सत्र में उर्वरक की बिक्री में कम होने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रसार के संकेत हैं, जो अब तक काफी हद तक बचा हुआ था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह से यह वायरस शहरी इलाकों में फैला है अगर वही फैलाव ग्रामीण इलाकों में होता है तो आगामी रबी सत्र में मजदूरों के साथ-साथ धन की कमी किसानों की कमी होगी और खाद की मांग प्रभावित होगी।  

Web Title: Sales of fertilizers may fall to the latter in FY 2021: India ratings

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