गैर-स्थानीय मतदाताओं को लेकर बोले सज्जाद लोन- अगर जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों से किया गया समझौता तो करेंगे भूख हड़ताल
By मनाली रस्तोगी | Published: August 22, 2022 11:12 AM2022-08-22T11:12:21+5:302022-08-22T11:16:22+5:30
जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों के लिए मतदान के अधिकार पर सज्जाद लोन ने कहा कि हम एक पार्टी के रूप में न तो सरकार द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को समग्र रूप से स्वीकार करते हैं और न ही इसे अस्वीकार करते हैं।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में उन खबरों पर विपक्षी दल के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोग भी केंद्र शासित प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं। इसी क्रम में जहां एक ओर संशोधित मतदाता सूची से संबंधित मुद्दों पर सोमवार को 'सर्वदलीय बैठक' होने वाली है तो वहीं जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन का बयान भी सामने आया है।
जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों के लिए मतदान के अधिकार पर लोन ने कहा, "हम एक पार्टी के रूप में न तो सरकार द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को समग्र रूप से स्वीकार करते हैं और न ही इसे अस्वीकार करते हैं। हम जानते हैं कि यहां या दिल्ली में वर्तमान प्रशासन जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों को उच्च सम्मान में नहीं रखता है। यह कानून नहीं है जो हमारे लिए खतरा है, हम कानून को लागू करने वालों से डरते हैं।"
It's not the law that's a threat to us, we're scared of those implementing the law. If we feel there is demographic intervention or the rights of the people of J&K are compromised, then we will sit on hunger strike in front of Parliament in Delhi: Sajad Lone, JKPC pic.twitter.com/ny18m2TXpB
— ANI (@ANI) August 22, 2022
उन्होंने आगे कहा, "अगर हमें लगता है कि जनसांख्यिकीय हस्तक्षेप है या जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों से समझौता किया गया है, तो हम दिल्ली में संसद के सामने भूख हड़ताल पर बैठेंगे।" बता दें कि इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसे दलों ने दावा किया था कि प्रशासन ने उनकी इस मुख्य चिंता का समाधान नहीं किया है कि क्या जम्मू कश्मीर में 'सामान्यतया' रहने वाले 'बाहरी' लोगों को मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण कराने की अनुमति दी जाएगी।