कल हम फिर शाहीन बाग आएंगे, हमारी मध्यस्थता चल रही है, लोगों ने कहा- हम डरे हुए हैं, मैडम मुझे बचाइए
By भाषा | Published: February 20, 2020 07:03 PM2020-02-20T19:03:26+5:302020-02-20T19:03:26+5:30
वार्ताकार वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन मीडिया की मौजूदगी में बातचीत शुरू नहीं करना चाह रहे थे। साधना रामचंद्रन ने कहा कि हमारी मध्यस्थता चल रही है और कल हम फिर शाहीन बाग आएंगे। इस जगह पर सही बर्ताव नहीं हो रहा है इसलिए कल अलग से 10-15 महिलाओं से बात की जाएगी।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की जहां लोग संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले दो महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं।
वार्ताकार वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन मीडिया की मौजूदगी में बातचीत शुरू नहीं करना चाह रहे थे। साधना रामचंद्रन ने कहा कि हमारी मध्यस्थता चल रही है और कल हम फिर शाहीन बाग आएंगे। इस जगह पर सही बर्ताव नहीं हो रहा है इसलिए कल अलग से 10-15 महिलाओं से बात की जाएगी।
प्रदर्शनकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की कि वे अपनी बात मीडिया के सामने रखना चाहते हैं, लेकिन पत्रकारों को बाद में जाने को कहा गया। रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपने बुलाया हम चले आये।’’ उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि शाहीन बाग में सड़क बंद होना परेशानी पैदा करने वाला है और प्रदर्शनकारियों को किसी दूसरी जगह जाना चाहिए जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध नहीं हो। हालांकि शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों के विरोध के अधिकार को बरकरार रखा।
शीर्ष अदालत ने हेगड़े से प्रदर्शनकारियों को किसी वैकल्पिक स्थान पर जाने के लिए मनाने में भी सकारात्मक भूमिका निभाने को कहा। उसने कहा कि वार्ताकार इस मामले में पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला की मदद मांग सकते हैं। हेगड़े ने कहा कि शीर्ष अदालत ने उनके प्रदर्शन के अधिकार को माना है। हेगड़े ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब शाहीन बाग भारत में प्रदर्शन का उदाहरण बन गया है तो हमें ऐसे प्रदर्शन की मिसाल पेश करनी चाहिए जो किसी को परेशान नहीं करे। आप सभी इस बात को लेकर आश्वस्त रहें कि हम यहां आपके लिए लड़ने आये हैं। यह मत सोचिए कि जगह बदलने से आपकी लड़ाई कमजोर हो जाएगी।’’
वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि कई प्रधानमंत्री आये और चले गये। जो भी सत्ता में आता है और देश चलाता है, उनमें से कई बार कुछ सही हो सकते हैं तो कुछ गलत हो सकते हैं। आप जो कह रहे हैं, उसे पूरा देश सुन रहा है और प्रधानमंत्री भी।’’ प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
रामचंद्रन ने कहा कि वह उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं जब देश का माहौल बदलेगा। इस मौके पर एक बुजुर्ग ने अपने बच्चों की हिफाजत को लेकर फिक्र जताते हुए कहा, ‘‘मैं बहुत डरा हुआ हूं। मैं अपने बच्चों के लिए डरा हुआ हूं। मैडम मुझे बचाइए।’’
जब रामचंद्रन ने उनके डर के बारे में और पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं अकेला पिता हूं। मैं मर जाऊंगा लेकिन मेरे बच्चों को यहां हक के साथ रहने देना चाहिए। मेरी बच्चियां स्कूल जाती हैं जहां उनसे कहा जा रहा है कि आपको देश से निकाला जाएगा।’’ दोनों वार्ताकारों ने बुधवार को भी शाहीन बाग का दौरा किया था और प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू करते हुए कहा था कि शीर्ष अदालत ने विरोध प्रदर्शन के उनके अधिकार को बरकरार रखा है लेकिन इससे अन्य नागरिकों के अधिकार प्रभावित नहीं होने चाहिए।
Sadhna Ramachandran, Supreme Court-appointed mediator: Our mediation talks are continuing and we will come back again tomorrow to Shaheen Bagh. pic.twitter.com/42UQzToY3f
— ANI (@ANI) February 20, 2020