सचिन पायलट मोदी सरकार के खिलाफ हुए आक्रामक, बोले- "अहंकारी सरकार पुलिसिया बर्बरता से दबा रही विरोध की आवाज, लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 15, 2022 19:36 IST2022-06-15T19:32:46+5:302022-06-15T19:36:49+5:30

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि अहंकारी सरकार पुलिसिया लाठी के बल पर लोकतंत्र का दमन कर रही है।

Sachin Pilot became aggressive against Modi government, said - "Arrogant government is suppressing the voice of protest by police brutality, a big threat to democracy" | सचिन पायलट मोदी सरकार के खिलाफ हुए आक्रामक, बोले- "अहंकारी सरकार पुलिसिया बर्बरता से दबा रही विरोध की आवाज, लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा"

फाइल फोटो

Highlightsसचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार "पुलिसिया बर्बरता" से विरोध की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन केंद्र चाहे जितना भी डरा-धमका ले, कांग्रेस जनता के बीच उनका कच्चा-चिट्ठा खोलकर रहेगीसचिन पायलट ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के जवानोें ने कांग्रेस दफ्तर में मारपीट की

दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी लगातार तीसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पूछताछ के लिए पेश हुए। इस कारण पूरी कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर आक्रामक हमले कर रही है।

इसी क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि अहंकारी सरकार पुलिसिया लाठी के बल पर लोकतंत्र का दमन कर रही है।

दरअसल दिल्ली पुलिस राहुल गांधी से ईडी के पूछताछ का विरोध कर रहे कांग्रेसियों को सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में हिरासत में ले रही है। इसी क्रम में सचिन पायलट भी बुधवार को दि्लली पुलिस के हत्थे चढ़ गये और उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

इसके बाद काफी आक्रोश में सचिन पायलट ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अभिमानी सरकार "पुलिस की बर्बरता" से विरोध की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन कांग्रेस इस बात पर दृढ़ है कि केंद्र चाहे जितना डरा-धमका ले, पार्टी जनता के बीच उनका कच्चा-चिट्ठा खोलकर रहेगी।

सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि उन्होंने जैसे ही कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश किया, दिल्ली पुलिस के जवान जबरन दफ्तर में घुसे और उन्हें कुछ नेताओं के साथ धक्का देते हुए बस में बैठा दिया गया। पायलट के मुताबिक पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर नरेला पुलिस स्टेशन ले गई, जहां भीषण गर्मी में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।

इसके साथ ही पायलट ने दिल्ली पुलिस पर यह आरोप भी लगाया कि पुलिस ने कांग्रेस दफ्तर में महिला नेताओं के साथ अभद्रता की और सांसदों पर "लाठीचार्ज" किया।

वहीं दिल्ली पुलिस की ओर जारी बयान में कहा गया है कि कोई भी पुलिसकर्मी ने कांग्रेस दफ्तर में प्रवेश नहीं किया है, 24 अकबर रोड के बाहर जो लोग सरकारी काम में बाधा डालने और बिना अनुमति के धरना-प्रदर्शन का प्रयास कर रहे थे, उन्हें हिरासत में लिया गया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री पायलट ने कहा, "केंद्र सरकार पुलिस की बर्बरता और केंद्रीय एजेंसियों के जरिये विपक्ष को धमकाने का प्रयास कर रहा है लेकिन सरकार इस बात को अच्छे से समझ ले कि उनके खौफ से हम डरने वाले नहीं हैं, उनके हर फरेब को जनता के सामने बेनकाब करके रहेंगे।"

उन्होंने कहा, "पार्टी राहुल गांधी के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए शांतिपूर्ण मार्च करना चाहती है, दल का प्रयास है कि सरकार प्रतिशोध और भाजपा की विपक्ष विरोधी मानसिकता को उजागर करते हुए कांग्रेस जनता के बीच कश्मीर घाटी में हो रही कश्मीरी पंडितों की हत्या, डीजल-पेट्रोल के दाम, चीन समस्या और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर आंदोलन खड़ा करना चाहती है लेकिन सरकार जांच एजेंसियों और हिंसा के रास्ते उन्हें दबाना चाहती है।"

इसके साथ ही पायलट ने कहा, "असत्य, अन्याय और अनैतिकता के जरिए सच्चाई को दबाने की भाजपा की कोशिश कभी सफल नहीं होगी। सच्चाई राहुल गांधी और कांग्रेस के पक्ष में है, जो न तो कभी झुकी है और न ही किसी अत्याचार से डरी है।"

मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस के जवान बुधवार को जबरन पार्टी दफ्तर में घुसे और लाठियों से पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं के साथ मारपीट की।

इस संबंध में कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए।

लेकिन दिल्ली पुलिस की ओर से इस तरह की किसी भी गतिविधी से स्पष्ट इनकार किया गया है, पुलिस का कहना है कि वो केवल शांति-व्यवस्था की बाहली का काम कर रही है।

पुलिस के अनुसार लुटियन दिल्ली की सड़कों पर उतरे कांग्रेस के कार्यकर्ता काफी उग्र हैं, जिन्हें सुरक्षा और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हिरासत में लिया जाना आवश्यक है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Sachin Pilot became aggressive against Modi government, said - "Arrogant government is suppressing the voice of protest by police brutality, a big threat to democracy"

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