विवाद के बाद सब्यसाची ने मंगलसूत्र विज्ञापन वापस लिया, सोशल मीडिया पर आलोचनाओं के साथ मंत्री ने दी थी कार्रवाई की चेतावनी
By विशाल कुमार | Published: November 1, 2021 08:09 AM2021-11-01T08:09:57+5:302021-11-01T08:13:23+5:30
फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने अपने मंगलसूत्र कलेक्शन के विज्ञापन में अर्ध-नग्न मॉडल को दिखाया था. सोशल मीडिया पर तीखी आलोचनाओं और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री के 24 घंटे के अल्टीमेटम के बाद विज्ञापन वापस ले लिया गया.
नई दिल्ली:सोशल मीडिया पर तीखी आलोचनाओं और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री के 24 घंटे के अल्टीमेटम के बाद मशहूर फैशन एवं आभूषण डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने रविवार को अपना मंगलसूत्र विज्ञापन वापस ले लिया.
सब्यसाची ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘धरोहर और संस्कृति पर सतत चर्चा की पृष्ठभूमि में मंगलसूत्र अभियान का मकसद समावेशिता और सशक्तीकरण पर बातचीत करना था. इस अभियान का मकसद उत्सव मनाना था और हमें इस बात का गहरा दुख है कि इससे हमारे समाज के एक वर्ग को कष्ट पहुंचा है। इसलिए हमने इस अभियान को वापस लेने का निर्णय लिया हैं.’’
फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने अपने मंगलसूत्र कलेक्शन के विज्ञापन में अर्ध-नग्न मॉडल को दिखाया था. विज्ञापन में मॉडल अकेले या दूसरों के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाई गई हैं.
डिजाइनर द्वारा इस तस्वीर को साझा किये जाने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया था और सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं ने इसे असभ्य एवं हिन्दू संस्कृति के खिलाफ बताया था.
इस विज्ञापन के विरोध में सोशल मीडिया मंचों पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने भी खुलकर इसकी आलोचना की थी.
इसके साथ ही मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को मंगलसूत्र के ‘आपत्तिजनक एवं अश्लील’ विज्ञापन को हटाने के लिए रविवार को 24 घंटे का ‘अल्टीमेटम’ दिया था और चेतावनी दी कि अगर वह इसे 24 घंटे में नहीं हटाएंगे तो उनके खिलाफ मामला दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले महाराष्ट्र के पालघर में भाजपा के कानूनी सलाहकार वकील आशुतोष दुबे ने सब्यसाची को एक कानूनी नोटिस भेजा था.
यह लगातार दूसरी बार है जब मिश्रा की चेतावनी के तुरंत बाद किसी कंपनी को अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा हो.
मिश्रा ने इससे पहले डाबर इंडिया लिमिटेड के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में एक समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए और एक-दूसरे को छलनी से देखते हुए दिखाये जाने को भी आपत्तिजनक बताया था। मंत्री ने कंपनी पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद डाबर ने पिछले सप्ताह उक्त विज्ञापन वापस ले लिया था.