सबरीमाला मंदिर मामलाः SC ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार, अय्यप्पा भक्तों ने निकाली यात्रा
By स्वाति सिंह | Published: October 9, 2018 11:29 AM2018-10-09T11:29:59+5:302018-10-09T11:29:59+5:30
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नेशनल अय्यप्पा डिवोटी एसोसिएशन ने सोमवार (8 अक्टूबर ) को पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने के उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है। इसके बाद भगवान अय्यप्पा के भक्तों ने त्रिवेंद्रम में राजभवन तक 'अय्यप्पा नमः जप यात्रा' निकाली।
Trivandrum: Lord Ayyappa devotees organise 'Ayyappa Nama Japa Yatra' to Raj Bhavan in protest against Supreme Court verdict over women's entry in Kerala's #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/zsZ9gIMSC4
— ANI (@ANI) October 9, 2018
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नेशनल अय्यप्पा डिवोटी एसोसिएशन ने सोमवार (8 अक्टूबर ) को पुनर्विचार याचिका दायर की थी। जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया है।
Supreme Court refuses urgent hearing on a review petition filed against the verdict allowing entry of women of all ages in Kerala's Sabarimala temple. Supreme Court says, 'review petitions to come up for hearing in due course.' pic.twitter.com/PuHTc2abkh
— ANI (@ANI) October 9, 2018
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने खोल दिया था, जिसके बाद से विभिन्न हिंदू संगठन नाराज हैं और अब वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतरने लगे हैं। सैकड़ों अयप्पा श्रद्धालुओं ने मंगलवार (03 अक्टूबर) को केरल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन भी किया था। उन्होंने वहां सड़कों को जाम कर दिया था।
बता दें, 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी।
इसमें चार लोगों ने बहुमत से फैसला सुनाया था, जबकि इंदु मल्होत्रा की राय अलग थी।
कोर्ट के फैसले से पहले सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आएं।