सबरीमला : कनकदुर्गा को पति के घर में रहने की अनुमति
By भाषा | Published: February 5, 2019 10:11 PM2019-02-05T22:11:10+5:302019-02-05T22:11:10+5:30
न्यायाधिकारी निम्मी के. के. ने अपने आदेश में कहा कि कनकदुर्गा को अपने पति के घर में रहने का अधिकार है।
मलप्पुरम की ग्राम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा को अपने पति के घर में रहने की अनुमति मिलनी चाहिए।
घरेलू हिंसा कानून के तहत कनकदुर्गा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ‘ग्राम न्यायालय’ ने अंतरिम आदेश जारी कर कहा कि उन्हें अपने पति के घर में रहने का अधिकार है।
न्यायाधिकारी निम्मी के. के. ने अपने आदेश में कहा कि कनकदुर्गा को अपने पति के घर में रहने का अधिकार है।
ग्राम न्यायालयों की अध्यक्षता न्यायाधिकारी करते हैं, जिनके पास न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के बराबर शक्तियां होती हैं।
सबरीमला मंदिर में दो जनवरी को प्रवेश करने के बाद से कनकदुर्गा (44) अपने पति और अन्य रिश्तेदारों के विरोध का सामना कर रही हैं। घर पर ताला लगे होने और परिवार के सदस्यों के किसी और घर में जाकर रहने के कारण उन्होंने पेरींतलमन्ना में ‘वन स्टॉप शेल्टर’ आश्रय गृह में शरण लिया है।
कनकदुर्गा केरल नागरिक आपूर्ति निगम में कर्मचारी हैं। सबरीमला से लौटने पर मंदिर मुद्दे को लेकर अपनी सास के कथित हमले के बाद अस्पताल से लौटकर भी वह घर नहीं आ पायीं।
मामले में आगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।
कनकदुर्गा ने बिंदु (42) नामक अन्य महिला के साथ दो जनवरी को सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर वहां पूजा-अर्चना की थी। दोनों को जान से मारने की धमकियां भी मिली हैं।