रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर- भारत को रूसियों पर दबाव बनाने का अनुरोध मिला फिर...

By मनाली रस्तोगी | Updated: October 6, 2022 21:53 IST2022-10-06T21:52:39+5:302022-10-06T21:53:51+5:30

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने कीव के साथ चल रहे युद्ध के दौरान यूक्रेन में जपोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा पर रूस पर दबाव डाला।

S Jaishankar on Ukraine war India got a request to press the Russians | रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर- भारत को रूसियों पर दबाव बनाने का अनुरोध मिला फिर...

रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर- भारत को रूसियों पर दबाव बनाने का अनुरोध मिला फिर...

Highlightsविदेश मंत्री एस जयशंकर न्यूजीलैंड की अपनी पहली यात्रा पर हैंजयशंकर ने बताया कि भारत से यूक्रेन ने रूस पर दबाव डालने के लिए अनुरोध किया थाविदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का पक्ष रखा

नई दिल्ली: काफी लंबे समय से जारी रूस और यूक्रेन युद्ध पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुईं हैं। ये जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच दोनों देशों के बीच युद्ध को लेकर भारत से उसके रुख के बारे में सवाल पूछे जाते हैं। इसी क्रम में एक बार फिर न्यूजीलैंड पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का पक्ष रखा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत ने "अनुरोध" पर काम करते हुए रूस पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा के लिए दबाव डाला, जो यूक्रेन के साथ रूस के चल रहे युद्ध के दौरान युद्ध क्षेत्र के पास था। जयशंकर ने ऑकलैंड में बिजनेस लीडर्स के साथ एक कार्यक्रम में कहा, "जब मैं संयुक्त राष्ट्र में था, उस समय सबसे बड़ी चिंता जपोरिज्जिया परामणु संयंत्र की सुरक्षा को लेकर थी क्योंकि इसके बिल्कुल पास ही कुछ लड़ाई चल रही थी।"

समाचार एजेंसी पीटीआई ने जयशंकर के हवाले से कहा, "हमसे उस मुद्दे पर रूसियों पर दबाव बनाने का अनुरोध किया गया था जो हमने किया। विभिन्न समयों पर अन्य चिंताएं भी रही हैं जिन्हें या तो विभिन्न देशों ने हमारे साथ उठाया है या संयुक्त राष्ट्र ने हमारे साथ उठाया है। मुझे लगता है कि इस समय हम जो कुछ भी कर सकते हैं, करने को तैयार हैं।" यूक्रेन में जारी संघर्ष पर भारत के तटस्थ रुख को बनाए रखते हुए जयशंकर ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि विभिन्न देश थोड़ी अलग प्रतिक्रिया देंगे।

उन्होंने आगे कहा, "हम स्वाभाविक तौर पर यूक्रेन संकट को काफी हद तक पूरब-पश्चिम के मुद्दे की तरह देखते हैं। लेकिन मेरा मनना है कि यक्रेन संकट के असर का उत्तर-दक्षिण (उत्तरी गोलार्ध के विकसित और दक्षिण गोलार्ध के विकासशील देश) पहलू भी है।" इस स्थिति में जयशंकर ने कहा कि वह देखेंगे कि भारत क्या कर सकता है, "जो स्पष्ट रूप से भारतीय हित में होगा, लेकिन दुनिया के सर्वोत्तम हित में भी होगा"। 

इस साल फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से भारत ने शांति और कूटनीति के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने की आवश्यकता का आह्वान किया है। इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। पीएम ने शांति प्रयासों में योगदान करने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया और कहा कि संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।

Web Title: S Jaishankar on Ukraine war India got a request to press the Russians

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