रूस ने भारत को फिर रियायती कीमत पर तेल देने की पेशकश की, यूक्रेन हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव का कर रहा है सामना

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 1, 2022 16:23 IST2022-04-01T16:11:07+5:302022-04-01T16:23:50+5:30

रूस भारत को तेल की अधिक शिपमेंट उठाने के लिए यूक्रेन युद्ध से पहले कीमतों पर 35 डॉलर प्रति बैरल की छूट की देने की पेशकश की है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि हेडलाइन ब्रेंट की कीमतों में तब से लगभग 10 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जिसका सीधा मतलब है कि मौजूदा कीमतों में और भी बड़ी कमी आई है।

Russia offers to give India oil at a discounted price, Ukraine is facing international pressure over the attack | रूस ने भारत को फिर रियायती कीमत पर तेल देने की पेशकश की, यूक्रेन हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव का कर रहा है सामना

रूस ने भारत को फिर रियायती कीमत पर तेल देने की पेशकश की, यूक्रेन हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव का कर रहा है सामना

Highlightsयूक्रेन आक्रमण के मद्देनजर अमेरिका ने रूस से तेल की बिक्री को पूरी तरह से रोक दिया हैवहीं भारतीय तेल कंपनियां यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस से लगातार तेल खरीद रही हैंभारत ने युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 13 मिलियन बैरल तेल रूस से खरीदा है

दिल्ली: यूक्रेन हमले के कारण विश्व समुदाय की आलोचना झेल रहा रूस पश्चिमी देशों की ओर से बढ़ रहे दबाव को कम करने और दक्षिण एशिया में अपनी खेमेबंदी को मजबूत करने के लिए भारत को भारी छूट के साथ तेल देने की पेशकश कर रहा है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार रूसभारत को तेल की अधिक शिपमेंट उठाने के लिए यूक्रेन युद्ध से पहले कीमतों पर 35 डॉलर प्रति बैरल की छूट की देने की पेशकश की है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है, "हेडलाइन ब्रेंट की कीमतों में तब से लगभग 10 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जिसका मतलब है कि मौजूदा कीमतों में और भी बड़ी कमी आई है।"

इससे पहले बीते गुरुवार को खबरें आ रही थीं कि अमेरिका ने यूक्रेन आक्रमण के मद्देनजर रूस को आगाह करते हुए उसके तेल बिक्री को पूरी तरह से रोक दिया था। वहीं अमेरिका के साथ यूरोप के कई अन्य देशों ने भी रूस की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए उससे तेल खरीदना बंद कर दिया है। ऐसे में तेल बिक्री के लिए रूस एशियाई देशों पर निर्भर हो गया है। रूस से तेल की खरीद करने वाले देशों में भारत और चीन प्रमुख हैं।

मालूम हो कि भारत में बीते 22 मार्च से लगातार डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है। इससे पहले 137 दिनों से ईंधन के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी। 22 मार्च से तेल के दामों में 9 बार वृद्धि हुई है, जिसके चलते ईंधन की कीमतों में अब तक कुल 6.40 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है।

भारत तेल की जरूरतों को पूरी करने के लिए 85 फीसदी तेल विश्व के प्रमुख बाजारों से आयात करता है। इसमें इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, नाइजीरिया और अमेरिका प्रमुख हैं।

भारत पूरे विश्व में तेल की खपत करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। रूस और यूक्रेन के बीते 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से भारतीय तेल कंपनियां रूसी तेल की खरीदारी कर रही हैं।

बाकी खरीददारों के पीछे हट जाने के चलते रूस भारत की तेल खरीद पर भारी छूट भी दे रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 24 फरवरी से अब तक कम से कम 13 मिलियन बैरल रूसी तेल खरीदा है, जबकि पूरे 2021 में लगभग 16 मिलियन बैरल तेल खरीदा है। 

Web Title: Russia offers to give India oil at a discounted price, Ukraine is facing international pressure over the attack

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