रुचि सोया का ऋणः एसबीआई ने किसके कहने पर 933 करोड़ गंवाया, जानें क्या है पूरा मामला
By शीलेष शर्मा | Published: June 30, 2021 08:50 PM2021-06-30T20:50:25+5:302021-06-30T20:51:42+5:30
कंपनी ने 12 हजार 146 करोड़ रुपए का ऋण अलग-अलग बैंकों से लिया था, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई के नाम प्रमुख हैं।
नई दिल्लीः रुचि सोया के बैंक ऋणों को एकमुश्त भुगतान समाधान करने के लिये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर कौन और क्यों दबाव बना रहा था, जिसके कारण बैंक ने 1816 करोड़ के ऋण को मात्र 883 करोड़ लेकर एकमुश्त समाधान कर डाला।
इतना ही नहीं इस कंपनी ने 12 हजार 146 करोड़ रुपए का ऋण अलग-अलग बैंकों से लिया था, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई के नाम प्रमुख हैं। एसबीआई का सबसे ज्यादा, 1,816 करोड़ का एक्सपोजर था उसमें और भी कई बैंक थे।
जब सेटलमेंट की बात आई, तो सेटलमेंट के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ने सेटलमेंट के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सिर्फ 883 करोड़ रुचि सोया से वापस ले पाया। उजागर हुए तथ्य बताते हैं कि सैटिलमेंट होते ही रुचि सोया ने कंपनी दिवालिया घोषित कर दी उसके बाद, बोली लगी, दो बिडर आए।
पतंजलि और वूलमार्क अडानी। यहीं से खेल की शुरुआत हुयी। अडानी समूह ने अपनी बोली वापस ले ली। नतीजा पतंजलि को रुचि सोया खरीदने का मौका मिल गया। पतंजलि ने 3,250 करोड़ का बैंकों से ऋण लिया, जिसमें एसबीआई भी शामिल थी। कांग्रेस अब पूछ रही है कि स्टेट बैंक ने रुचि सोया के ऋण समाधान में करोड़ों का नुकसान उठाया ,मालिक बदलते ही फिर करोड़ों का ऋण कैसे दे दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के वयान का उल्लेख करते हुये पूछा कि मोदी सरकार बाबा पर मेहरबान क्यों ,डूबी हुई कंपनी को खरीदने के लिए, जिसके डूबने में एसबीआई का भी पैसा डूबा, उस कंपनी को खरीदने के लिए एसबीआई और पैसा देने के लिए कैसे तैयार हुयी। उन्होंने पूरे मामले की जाँच कराये जाने की मांग की।