आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल बोले- दारा शिकोह सम्राट बनता तो और फलता फूलता इस्लाम; आजकल मुस्लिम भयभीत क्यों?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 12, 2019 09:38 IST2019-09-12T09:38:12+5:302019-09-12T09:38:12+5:30

दारा शिकोह पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल एवं बड़ी संख्या में जाने-माने शिक्षाविद, विचारक, प्रमुख बुद्धिजीवी एवं समाजसेवी उपस्थित थे।

RSS leader Krishna Gopal said - Dara Shikoh would have become emperor and flourished Islam; Why are Muslims afraid nowadays? | आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल बोले- दारा शिकोह सम्राट बनता तो और फलता फूलता इस्लाम; आजकल मुस्लिम भयभीत क्यों?

आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल बोले- दारा शिकोह सम्राट बनता तो और फलता फूलता इस्लाम; आजकल मुस्लिम भयभीत क्यों?

Highlights दारा शिकोह के जीवन और उनकी ‘समावेशी सोच’ पर आधारित नाटक का पूरा देश में मंचन कराया जाएगा।आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि मुसलमान क्यों भय में है। क्यों डरे हुए हैं?

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता कृष्ण गोपाल ने दारा शिकोह को समन्यवादी राजा बताया है। उन्होंने कहा कि अगर दारा शिकोह सम्राट बनता तो देश में इस्लाम और फलता-फूलता। उन्होंने कहा कि दारा शिकोह सभी धर्मों का सम्मान करता था। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि उनके मंत्रालय की ओर से मुगल बादशाह शाहजहां के पुत्र और जानमाने विचारक दारा शिकोह के जीवन और उनकी ‘समावेशी सोच’ पर आधारित नाटक का पूरा देश में मंचन कराया जाएगा।

आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि मुसलमान क्यों भय में है। क्यों डरे हुए हैं? 15 -16 करोड़ की संख्या होने पर भी क्यों डरे हुए है? 40-45 लाख की संख्या वाले जैन तो कभी नहीं कहे की वे डरे हुए हैं। 50 हजार की संख्या वाले पारसियों ने कभी नहीं कहा कि वे भयभीत है। 80-90 लाख वाले बौद्ध ने कभी नहीं कहा कि डरे हुए हैं। 5000 कि संख्या वाले यहूदी भी नहीं डरते। लेकिन जो 600 सालों तक हुकूमत किया, वे क्यों भयभीत है? क्या समस्या है? उसे बताए। बहस करें।

दिल्ली में "एकेडेमिक्स फॉर नेशन" नामक संस्था द्वारा दारा शिकोह पर आयोजित संगोष्ठी में नकवी ने यह भी कहा कि दारा शिकोह जीते जी औरंगजेब की क्रूरता के शिकार रहे तो मरने के बाद वामपंथी इतिहासकारों की असहिष्णुता का शिकार हुए और इतिहास में उन्हें जो स्थान मिलना चाहिए था वो नहीं मिला। 

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने करीब दो साल पहले लंदन में एक नाटक देखा जिसमें दारा शिकोह को खलनायक और औरंगजेब को नायक की तरह पेश किया गया। यह तो विदेश में था, लेकिन हमारे ही देश में दाराशिकोह को इतिहास का पन्नों में जो जगह मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली।’’ नकवी ने कहा, ‘‘ मैंने कुछ लोगों से बात की है। मेरा विचार है कि पूरे देश में जगह-जगह दारा शिकोह के जीवन पर आधे घंटे या एक घंटे के नाटक मंचन होना चाहिए। यह नाटक दारा शिकोह के जीवन, उनकी समावेशी सोच और सर्वधर्म समभाव की उनकी सोच पर आधारित होगा।’’ 

बाद में उन्होंने यह कहा कि इस नाटक के मंचन की शुरुआत अगले महीने से हो सकती है। नकवी ने कहा, ‘‘ कुछ वामपंथी, सेक्युलर इतिहासकारों की जमात द्वारा अराजक, हिंसक, जालिम औरंगजेब जैसे शासक को महिमामंडित करने का काम किया गया। औरंगजेब की सोच इंसानी मूल्यों, हिंदुस्तान की सनातन संस्कृति को तबाह करने की साजिशों से भरी थी। ऐसी ही सोच ने अलकायदा, आईएसईएस, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे शैतानी संगठनों को जन्म दिया।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमने दारा शिकोह की संस्कृति-संस्कार और सन्देश को अपनी पीढ़ी की रगों में उतारा होता तो ऐसी शैतानी ताकतें जो पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं, वो ना पनप पातीं।’’ नकवी ने कहा कि दारा शिकोह के शांति का संदेश हिंदुत्व और इस्लाम के सह अस्तित्व पर आधारित था। दारा शिकोह पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल एवं बड़ी संख्या में जाने-माने शिक्षाविद, विचारक, प्रमुख बुद्धिजीवी एवं समाजसेवी उपस्थित थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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