राम मंदिर पर मोहन भागवत ने फिर दिया बड़ा बयान, RSS प्रमुख ने कहा- विपक्षी दल नहीं कर सकते विरोध
By भाषा | Published: October 2, 2018 07:05 PM2018-10-02T19:05:12+5:302018-10-02T19:19:36+5:30
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सरकार की अपनी सीमाएं होती हैं। भागवत पतंजलि योगपीठ के कार्यक्रम में बोल रहे थे। वहीं पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव ने कहा जो काम सरकार नहीं कर पाती वो साधु करते हैं।
हरिद्वार, दो अकटूबर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि विपक्षी पार्टियां भी अयोध्या में राम मंदिर का खुलकर विरोध नहीं कर सकती क्योंकि वह देश की बहुसंख्यक जनसंख्या के इष्टदेव हैं ।
भागवत ने कल यहां पतंजलि योगपीठ में संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राममंदिर निर्माण के प्रति संघ और भाजपा की प्रतिबद्धता जाहिर की। साथ ही यह भी कहा कि कुछ कार्यों को करने में समय लगता है ।
उन्होंने कहा, ' कुछ कार्य करने में देरी हो जाती है और कुछ कार्य तेजी से होते हैं वहीं कुछ कार्य हो ही नहीं पाते क्योंकि सरकार में अनुशासन में ही रहकर कार्य करना पड़ता है । सरकार की अपनी सीमायें होती हैं ।' संघ प्रमुख ने कहा कि साधु और संत ऐसी सीमाओं से परे हैं और उन्हें धर्म, देश और समाज के उत्थान के लिये कार्य करना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख ने मोहन भागवत बतायी सरकारी की सीमाएं
यहां 'साधु स्वाध्याय संगम' को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, "विपक्षी पार्टियां भी अयोध्या में राम मंदिर का खुल कर विरोध नहीं कर सकतीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि वह (भगवान राम) बहुसंख्यक भारतीयों के इष्टदेव हैं । ' हांलांकि, उन्होंने कहा, ' सरकार की सीमायें होती हैं। देश में अच्छा काम करने वाले को कुर्सी पर बना रहना पड़ता है । मगर देश में यह वातावरण है कि यह काम नहीं हुआ तो कुर्सी तो जायेगी । कुर्सी पर बैठा कौन है, यह महत्त्वपूर्ण है ।'
इस मौके पर दिये अपने संबोधन में योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि जहां मंत्री और अमीर लोग अक्सर विफल हो जाते हैं वहां साधु सफल होते हैं ।
उन्होंने कहा, '’ देश का वजीर और अमीर साधु संतों की उपेक्षा कर रहे हैं । हमको इन वजीरों और अमीरों से कोई आशा नहीं है । जो काम वजीर और अमीर नहीं कर पाते वह काम साधु संत करने में सक्षम हैं। '’