'स्टैचू ऑफ यूनिटी' के रखरखाव में खर्च होंगे 12 लाख रुपये/महीने, कहां से आएंगे पैसे?
By रामदीप मिश्रा | Published: October 31, 2018 05:12 PM2018-10-31T17:12:57+5:302018-10-31T17:26:26+5:30
सरदार पटेल की प्रतिमा अमेरिका में स्थित 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से करीब दो गुनी ऊंची है और गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट नामक छोटे द्वीप पर स्थापित की गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का बुधवार (31 अक्टूबर) को अनावरण किया, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने सरदार पटेल की 143 वीं जयंती के अवसर पर उनकी ऊंची प्रतिमा को राष्ट्र को समर्पित किया। इस प्रतिमा को बनाने में 2,989 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
देश का गौरव बढ़ाने वाली इस प्रतिमा का अनावरण करने के बाद इसके रख रखाव का भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि अगर सरदार पटेल की इस प्रतिमा का 15 साल तक के रख रखाव की बात करें तो इस पर 657 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है और हर साल 43.8 करोड़ खर्च हो सकते हैं। अगर महीने का देखा जाए तो 12 लाख रुपये रख रखाव में खर्च हो सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, सरदार पटेल की प्रतिमा के रख रखाव के लिए ओएनजीसी, एचपीसीएल, बीपीसीएल, इंडियन ऑयल और ऑयल ने मिलकर 146 करोड़ रुपये से ज्यादा एकत्रित किए हैं। ये रकम सीएसआर के तहत दी गई है।
उल्लेखनीय है कि यह प्रतिमा अमेरिका में स्थित 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से करीब दो गुनी ऊंची है और गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट नामक छोटे द्वीप पर स्थापित की गई है। इस प्रतिमा के निर्माण में 70,000 टन से ज्यादा सीमेंट, 18,500 टन री-एंफोंर्समेंट स्टील, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसा का इस्तेमाल हुआ है।
बता दें, पीएम मोदी ने प्रतिमा का अनावरण करने का बाद कहा कि सरदार पटेल ने सैकड़ों रियासतों का विलय कर और देश का एकीकरण करके इसे तोड़ने की साजिश को परास्त करने का काम किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बांटने की हर तरह की कोशिश का पुरजोर जवाब दें। इसलिए हमें हर तरह से सतर्क रहना है। समाज के तौर पर एकजुट रहना है।
उन्होंने कहा कि आज देश के लिए सोचने वाले युवाओं की शक्ति पास है। देश के विकास के लिए यही एक रास्ता है, जिसको लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को बनाए रखना एक ऐसा दायित्व है, जो सरदार पटेल देकर गए हैं ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार तो मैं हैरान रह जाता हूं, जब देश में ही कुछ लोग हमारी इस मुहिम को राजनीति से जोड़कर देखते हैं। सरदार पटेल जैसे महापुरुषों, देश के सपूतों की प्रशंसा करने के लिए भी हमारी आलोचना होने लगती है। ऐसा अनुभव कराया जाता है मानो हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है।
उन्होंने जोर दिया कि करोड़ों भारतीयों की तरह उनके मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान अवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है।