लेह (लद्दाख), 26 दिसंबर लद्दाख के सुदूर न्योमा ब्लॉक में सबसे बड़ी तिब्बती बस्तियों - रेबेल सुमधो और सुमधो टीआर - को राष्ट्रीय पावर ग्रिड से जोड़ दिया गया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “लद्दाख के बिजली विकास विभाग ने शनिवार को क्रिसमस के अवसर पर तिब्बती बस्तियों को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराने का सराहनीय काम किया है।”
यह पहल केंद्र प्रायोजित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत की गई थी।
न्योमा और सोकर झील के बीच स्थित बस्ती के निवासियों के लिए इसे “लोसर उपहार” (तिब्बती नव वर्ष) करार देते हुए उन्होंने कहा कि यहां के करीब 70 घरों को पहले एक छोटे सौर फोटोवोल्टिक बिजली संयंत्र के माध्यम से विद्युतीकृत किया गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि, डीडीयूजीजेवाई योजना ने अब गांवों को उत्तरी ग्रिड से जोड़ दिया है। लेह में इस योजना के तहत जुड़े अन्य गांवों में चिलिंग सुम्धा (एज़ांग, सुम्धा चुन और चिलिंग), कुमग्यम, वानला, फोटोकसर, शारा, एसएजीवाई लाइन (अचिनाथंग और हनुथांग), तेरी, यूलचुंग, हरिप्ती और शकुमारखा शामिल हैं।
परियोजना को टीकेसी टाटा प्रोजेक्ट्स और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी) द्वारा निष्पादित किया गया था।
ग्रिड से चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति से स्थानीय बच्चे टेली-कक्षाओं में हिस्सा ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक विकास के अलावा डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों के लिए रेफ्रिजरेशन सिस्टम का विकल्प भी उपलब्ध होगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।