रोटोमैक के चेयरमैन विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल की जमानत अर्जी अदालत ने की खारिज
By भाषा | Updated: March 15, 2018 12:23 IST2018-03-15T12:20:33+5:302018-03-15T12:23:38+5:30
पिछली सुनवाई में विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल की अंतरिम जमानत अर्जी सीबीआई कोर्ट ने ठुकरा दिया था।

रोटोमैक के चेयरमैन विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल की जमानत अर्जी अदालत ने की खारिज
लखनऊ, 15 मार्च; सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमपी चौधरी ने मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी की नियमित जमानत अर्जी14 मार्च को खारिज कर दी।
इससे पहले अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत अर्जी भी ठुकरा दी थी। राहुल कोठारी इस कम्पनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को सात बैंकों के साथ तीन हजार 376 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि बीते 24 फरवरी को अदालत ने इन दोनों अभियुक्तों को 11 दिन की सीबीआई हिरासत में सौंपने का आदेश दिया था। सात मार्च को रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद विक्रम कोठारी ने अदालत में अंतरिम जमानत की अर्जी दी थी जिसे खारिज करते हुए अदालत ने विक्रम कोठारी और राहुल कोठारी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।
कैसे हुआ रोटोमैक घोटाला
- विक्रम कोठारी ने 3,695 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 2008 से 2013 के बीच पब्लिक सेक्टर के बैंकों की मदद ली। इस दौरान कोठारी ने अपने विदेशी खरीदारों और सप्लायर्स को पेमेंट करने के लिए फॉरन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) का भी रास्ता अपनाया।
- रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 2008 से 2013 के बीच 'मध्यस्थ व्यापार' करने के लिए 15 करोड़ रुपये से 200 करोड़ रुपये की नियमित क्रेडिट रैंकिंग के लिए सात बैंकों का सहारा लिया।
- विक्रम कोठारी ने नियमित क्रेडिट रैंकिंग के लिए सात बैंकों को चुना था। जिसमें इंडियन ओवरसीज़ बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल है।
-इन सात बैंको के कर्ज की कुल रकम 2 हजार 919 करोड़ रुपये है। पेनाल्टी के साथ इसके ब्याज की रकम 776 करोड़ रुपये है। यानी करीब 3 हजार 695 करोड़ रुपये का कर्ज विक्रम कोठारी पर बाकी है।