राहुल गांधी के गले मिलने पर आरजेडी प्रवक्ता ने दिया था आपत्तिजनक बयान, पार्टी से निष्कासित
By एस पी सिन्हा | Published: July 23, 2018 06:09 PM2018-07-23T18:09:23+5:302018-07-23T18:09:23+5:30
आरजेडी प्रवक्ता शंकर चरण त्रिपाठी ने राहुल गांधी के पीएम मोदी के गले मिलने पर आपत्तिजनक बयान दिया था और इससे पहले उन्होंने तेजस्वी यादव को भी घमंडी कहा था।
पटना, 23 जुलाईः राष्ट्रीय जनता दल ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता व ज्योतिषाचार्य शंकर चरण त्रिपाठी को पार्टी से हटा दिया है। शंकर चरण त्रिपाठी आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पारिवारिक ज्योतिषी भी रहे हैं। वह उत्तर प्रदेश में सेल्स टैक्स अधिकारी भी रह चुके हैं। आरजेडी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता शंकर चरण त्रिपाठी को पार्टी विरोधी बयान देने के आरोप में निष्कासित किया है। यहां यह भी बता दें कि त्रिपाठी ने राहुल गांधी के पीएम मोदी के गले मिलने पर आपत्तिजनक बयान दिया था और इससे पहले उन्होंने तेजस्वी यादव को भी घमंडी कहा था।
आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एस एम कमर आलम ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया है कि पार्टी के कई वरिष्ठ साथियों द्वारा शंकर चरण त्रिपाठी पर पार्टी के खिलाफ दल विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। उस आलोक में उनसे स्पष्टीकरण देने की मांग की गई थी। लेकिन, निर्धारित समय समाप्त होने के बाद भी उनकी तरफ से लिखित या मौखिक रूप से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। इसीलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार पार्टी संविधान की धारा- 33 के तहत पार्टी नियमावली की धारा -22 की उपधारा -4(क) के अधीन तत्काल प्रभाव से त्रिपाठी को सभी पदों से मुक्त किया गया है और उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द की गई है।
इसके साथ ही उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जाता है। बता दें कि कुछ महीने पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने लखनऊ के रहने वाले शंकर चरण त्रिपाठी को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया था। शंकर चरण त्रिपाठी सेल्स टैक्स अधिकारी थे जो रिटायर हो चुके हैं और ज्योतिषाचार्य बताए जाते हैं।
कहा जाता है कि लालू यादव शंकर चरण त्रिपाठी से काफी प्रभावित थे और परिवार और राजनीति से जुडी परेशानियों को लेकर बाबा की बात मानते थे। बताया जाता है कि लालू ने रंगीन कुर्ता इन्हीं के कहने पर पहनना शुरु किया था। इन सबके बीच पिछले दिनों लालू परिवार के राज ज्योतिष पंडित शंकर चरण त्रिपाठी ने साफ-साफ कह दिया था कि तेजप्रताप के मुकुट पहनाने से वे मुख्यमंत्री नहीं बन जायेंगे। तेजस्वी “22” के फेरे में हैं, जो बहुत मुश्किल समय होता है। तभी तो उनके मन में रावण जैसा अहंकार आ गया है। डर है कि कहीं रावण जैसी ही हालत लालू-राबडी परिवार के राजकुमार की भी ना हो जाये।
पंडित त्रिपाठी ने कहा था कि तेजस्वी यादव 22 के फेरे में हैं। ये नंबर उनके लिए ठीक नहीं है। त्रिपाठी जी ने काल की गणना कर लेने की भी बात कही थी। बाबा ने यह भी कहा था कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा है कि नीतीश कुमार अगली बार मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। नीतीश कुमार का अगली बार भी मुख्यमंत्री बनने का प्रबल योग है।
पंडित शंकर चरण त्रिपाठी ने कहा था कि वे आरजेडी की स्थापना दिवस समारोह में गये थे और इस दौरान यह साफ साफ दिखा था कि तेजस्वी आत्ममुग्ध हो चुके हैं। जनता की कोई परवाह नहीं है। आम लोग खाने के दाने को तरस रहे हैं और तेजस्वी सोने-चांदी का मुकुट पहन रहे हैं। मुकुट पहनाने वाले भी कौन तो तेजप्रताप यादव। तेजप्रताप यादव जो कह रहे हैं वो दुनिया जानती है। मंच पर मुकुट पहनाने से ना तो तेजप्रताप-तेजस्वी का मतभेद खत्म हो गया और ना ही उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया।
उन्होंने कह था कि राजद के स्थापना दिवस समारोह के जिस मंच पर तेजस्वी को मुकुट पहनाया गया वहां ना तो लालू प्रसाद थे और ना ही राबड़ी देवी। जब माता-पिता ना हो तो कैसा अभिषेक? मां-बाप के बगैर अभिषेक अशुभ ही होता है। मुकुट पहनने और अपना गुणगान सुनने की तेजस्वी को ऐसी हड़बड़ी थी कि उन्होंने पार्टी के सीनियर नेताओं की भी जुबान बंद करा दी। मंच पर सिर्फ उसे ही बोलने का मौका मिला जो तेजस्वी की चरण वंदना कर सकते थे। इसके बाद से हीं यह कयास लगाये जाने लगे थे कि पंडित त्रिपाठी का आरजेडी से पत्ता कट सकता है। लेकिन वह लंबे अंतराल बाद आज सामने आ गया।
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