प्रशांत किशोर की लालू को चुनौती पर आरजेडी का पलटवार, 'हमने खुलासा किया तो आपका नुकसान होगा'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2019 03:03 PM2019-04-13T15:03:38+5:302019-04-13T15:05:48+5:30
प्रशांत किशोर ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को मीडिया को यह बताने की शनिवार को चुनौती दी कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई थी।
प्रशांत किशोर की लालू प्रसाद यादव को मीडिया में आकर दोनों की बातचीत को लेकर जवाब देने की चुनौती पर आरजेडी ने जवाब दिया है। आरजेडी ने ट्वीट किया कि प्रशांत किशोर की जितनी उम्र नहीं है उससे कहीं ज्यादा लालू प्रसाद का अनुभव है। साथ ही आरजेडी की ओर से ट्वीट किया गया कि अगर सच्चाई का खुलासा किया गया तो प्रशांत किशोर की छवि के लिए बहुत नुकसानदायक होगा।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को मीडिया को यह बताने की शनिवार को चुनौती दी कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई थी। बता दें कि एक दिन पहले बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दावा किया था कि किशोर ने जद(यू) और आरजेडी के विलय के प्रस्ताव के साथ उनके पति से मुलाकात की थी।
जनता दल (यूनाइडेट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किशोर प्रसाद पर 'झूठे दावे' करने के लिए भी जम कर बरसे और यह कहते हुए ट्वीट किया, 'जो पद एवं धन के दुरुपयोग के आरोपों का सामना कर रहे हैं या दोषी साबित हुए हैं, वह सचाई के सरंक्षक होने का दावा कर रहे हैं।'
उन्होंने आरडेडी के सुप्रीमो को मीडिया के सामने उनके साथ बैठने और हर किसी को यह बताने की चुनौती दी कि उनकी मुलाकात में क्या बात हुई और किसने क्या प्रस्ताव दिया। किशोर ने ट्वीट किया, 'जब कभी लालू जी चाहें उन्हें मेरे साथ मीडिया के सामने बैठना चाहिए क्योंकि इससे सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको प्रस्ताव दिया।'
राबड़ी देवी ने शुक्रवार को दावा किया था कि किशोर ने आरजेडी और नीतीश कुमार की जद(यू) के विलय के प्रस्ताव के साथ उनके पति से मुलाकात की थी और पेशकश की थी कि विलय से बनी नयी पार्टी लोकसभा चुनावों से पहले 'प्रधानमंत्री पद के अपने उम्मीदवार' की घोषणा करेगी।
उन्होंने कहा था कि अगर किशोर इस प्रस्ताव के साथ प्रसाद से हुई मुलाकात से इनकार करते हैं तो वह 'सफेद झूठ' बोल रहे हैं। आरजेडी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य विधान परिषद में विपक्ष की नेता ने यहां एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, 'मैं क्रोधित हो गई और उनसे जाने को कहा क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासघात के बाद मुझे उन पर कोई भरोसा नहीं रह गया था।'
कुमार 2017 में महागठबंधन से बाहर हो गए थे और भाजपा नीत राजग में फिर से शामिल हो गए थे। किशोर ने इससे पहले प्रसाद की हाल में प्रकाशित हुई आत्मकथा में किए गए दावे को 'बकवास' बताया था। प्रसाद ने दावा किया था कि कुमार महागठबंधन में लौटना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने किशोर को राजद सुप्रीमो के पास अपना दूत बना कर भेजा था। किशोर ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान कुमार और प्रसाद के साथ रणनीतिकार के तौर पर काम किया था था। वह पिछले साल सितंबर में औपचारिक रूप से जद(यू) में शामिल हुए थे।
(भाषा इनपुट)