सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर राजद नेताओं का विरोधाभासी बयान, मुश्किल में पड़ सकती है पार्टी

By एस पी सिन्हा | Published: January 17, 2019 08:45 PM2019-01-17T20:45:18+5:302019-01-17T20:45:18+5:30

मोदी सरकार द्वारा गरीब सर्वणों को 10 प्रतिशत देने का बिल संसद से पास हो गया है। ीो

rjd leaders statement differ on upper caste reservation | सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर राजद नेताओं का विरोधाभासी बयान, मुश्किल में पड़ सकती है पार्टी

सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर राजद नेताओं का विरोधाभासी बयान, मुश्किल में पड़ सकती है पार्टी

सवर्ण आरक्षण के मुद्दे ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। खास तौर पर पर राजद के लिए यह मुश्किल का सबब बन गई है। एक ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने इसके विरोध को पार्टी की 'चूक' चूक करार दिया है तो सांसद मनोज झा ने कहा कि संसद में उन्होंने पार्टी का स्टैंड ही रखा है। जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि रघुवंश बाबू के बयान को तोड-मरोडकर पेश किया गया है। 

ऐसे में पार्टी पेसोपेश में फंसी गई है। सांसद मनोज झा ने कहा कि पार्टी की आधिकारिक राय होती है और मैं पार्टी का मैसेंजर हूं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में जो मैंने राय रखी इसके लिए मेरे पास पार्टी नेता का मैसेज था। दस्तावेज और अध्ययन के बाद ही पार्टी की राय रखता हूं, इसमें कोई कंफ्यूजन नहीं। उन्होंने सफाई दी है किरघुवंश बाबू ने जो कहा वह उनकी राय है, लेकिन मैंने पार्टी की आधिकारिक राय सदन में रखी, जो पार्टी के ट्वीटर हैंडल पर भी है। 

उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू बहुत उम्दा सोंच के बेबाक राय रखने वाले समाजवादी नेता हैं। वो हर चीज पर बेबाक राय रखते हैं, लेकिन पार्टी की एक आधिकारिक राय होती है। उन्होंने कहा कि हमारी डेमोक्रेटिक पार्टी में कई मसलों पर हमलोगों की राय एक-दूसरे से अलग होती है, लेकिन आधिकारिक राय सदन के पटल पर रखी जाती है। भाजपा के नेताओं में भी आरक्षण को लेकर डर है कि गैर-कानूनी और असंवैधानिक काम किया है। सरकार ने बिना किसी दस्तावेज या अध्ययन के संविधान के साथ छेडछाड की है। राजद सांसद ने एक फिर आबादी के अनुसार आरक्षण की वकालत की।

यहां बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि राजद सवर्ण आरक्षण के विरोध पर पुनर्विचार कर रही है। संसद में पार्टी से इस मसले पर चूक हो गई क्योंकि पार्टी हमेशा से सवर्ण आरक्षण की पक्षधर रही है। उल्लेखनीय है कि संसद में इस मुद्दे पर बहस के दौरान मनोज झा ने एक ‘‘झुनझुना’’ दिखाया था और कहा था कि यह झुनझुना फिलहाल सत्तारूढ प्रतिष्ठान के पास है। हिलता तो है लेकिन बजता नहीं है। वहीं रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि संसद में मनोज झा ने जो तर्क दिया है, उससे पार्टी सहमत नहीं।

पार्टी को सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर आइशोलेशन में नहीं जाना चाहिए। इसका विरोध क्यों हुआ? ये तेजस्वी यादव जानें। राजद के मेनिफेस्टो में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था और हम वह मेनिफेस्टो खोज रहे हैं। बहरहाल, सवर्ण आरक्षण के मामले में पार्टी में अब भी एक राय नहीं बन पाई है। इतना ही नहीं राजद के नेताओं की ओर से जिस तरह के विरोधाभासी बयान दिए जा रहे हैं इससे गलतफहमी बढ रही है।

Web Title: rjd leaders statement differ on upper caste reservation

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