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शहरों के नदी संवेदी विकास के लिये ‘नदी शहर गठबंधन’ की शुरूआत

By भाषा | Updated: November 25, 2021 18:52 IST

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नयी दिल्ली, 25 नवंबर जल शक्ति मंत्रालय ने शहरों के नदी संवेदी विकास के लिये बृहस्पतिवार को ‘नदी शहर गठबंधन’ की शुरूआत की जहां विभिन्न नगर स्वच्छता, नदियों के संरक्षण, जल से जुड़े मुद्दों सहित अन्य विषयों पर एक दूसरे का अनुभव साझा करेंगे, उससे सीखेंगे तथा प्रगतिशील कार्य योजना पर काम करेंगे।

जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में देश के 30 शहरों ने ‘‘ नदी शहर गठबंधन’’ के मसौदे पर हस्ताक्षर किये। इस गठबंधन में जल शक्ति मंत्रालय, शहरी कार्य मंत्रालय तथा कई स्थानीय निकायों ने सहयोग किया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), शहरी मामलों के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईयूआई) की इसमें अहम भूमिका है।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले समय में देश में लगातार शहरों का निरंतर विकास हुआ है और इसके कारण चुनौतियां भी उत्पन्न हुई हैं ।

उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि वर्ष 2050 तक देश में रहने वाले लोगों में हर दूसरा व्यक्ति शहरों में रह रहा होगा ।

शेखावत ने कहा कि ऐसे में हमने इस दिशा में कार्यो का पैमाना और गति नहीं बढ़ाई तो आने वाली पीढ़ियों के समक्ष समस्याएं खड़ी होंगी ।

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि नदियों के संरक्षण की दिशा में काम हो रहा है लेकिन यह कार्य केवल संसाधन और तकनीक से ही नहीं होगा बल्कि नदियों से जुड़े कार्यो के लिये लोगों को जोड़ना होगा और इसे जन आंदोलन बनाना होगा ।

उन्होंने कहा कि देश जब आजादी के 75 वर्ष पूरा होने का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में ‘नदी शहर गठबंधन’ एक महत्वपूर्ण पहल है।

इस अवसर पर शहरी विकास मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि अभी ‘नदी शहर गठबंधन’ से 30 शहर जुड़ रहे हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में और अधिक शहर इससे जुड़ेंगे ।

उन्होंने कहा कि 53 शहर ऐसे हैं जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है और इनमें 42 शहर नदियों के किनारे स्थित हैं तथा मार्ग बदलने एवं अन्य कारणों से कई शहरों से नदियां दूर चली गई ।

दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि ऐसे में ‘नदी शहर गठबंधन’ एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां विभिन्न नगर स्वच्छता, नदियों के संरक्षण, जल से जुड़े मुद्दों सहित अन्य विषयों पर एक दूसरे के अनुभव साझा करेंगे, उससे सीखेंगे तथा प्रगतिशील कार्य योजना पर काम करेंगे।

वहीं, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि लोगों को नदियों से जोड़ना एनएमसीजी द्वारा लोगों को नदियों और इसकी पारिस्थितिकी के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए की गई पहल का एक अनिवार्य हिस्सा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में ‘नदी शहर गठबंधन’ एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से लोगों और नदियों के बीच जुड़ाव को स्थापित करने के लिये रिवरफ्रंट का विकास महत्वपूर्ण रहा है।

ऐसे में एनएमसीजी नदी के प्रति संवेदनशील शहरी मास्टर प्लान बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ काम किया गया है तथा ‘पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील, जलवायु की दृष्टि से अनुकूल तथा सामाजिक रूप से समावेशी शहरी रिवरफ्रंट योजना और विकास के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।

मिश्रा ने कहा कि यह दिशानिर्देश गंगा नदी बेसिन तथा व्यापक रूप से पूरे देश के शहरी योजनाकारों को यह समझने में मदद करेंगे कि किस प्रकार शहरी रिवरफ्रंट को एक मास्टर प्लान में समेकित किया जाए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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