बुलंदशहर (उप्र), छह अक्टूबर वर्ष 2002 में फर्जी मुठभेड़ के एक मामले में पुलिस के एक फरार सेवानिवृत्त अधिकारी ने बुधवार को एक अदालत के सामने समर्पण कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को, रणधीर सिंह की जानकारी देने वाले को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की गई थी जिसके बाद उसने समर्पण कर दिया।
बी टेक में पढ़ने वाले एक लड़के का मुठभेड़ करने की साजिश कथित तौर पर आठ पुलिसकर्मियों ने रची थी। सहपानी के निवासी प्रदीप को जिले के सिकंदराबाद इलाके में 2002 में मुठभेड़ मार दिया गया था और बस में चोरी की एक घटना में उसकी संलिप्तता को दिखाई गई थी।
मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग- अपराध विभाग (सीबीसीआईडी) को सौंपी गई थी जिसने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी। मृतक के पिता यशपाल की शिकायत के आधार पर अदालत ने मामले की कार्यवाही शुरू की और मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों को सम्मन भेजे।
इस मामले में अदालत चार पुलिसकर्मियों को अभी तक जमानत दे चुकी है। शेष के विरूद्ध वारंट जारी किए गए थे। एक आरोपी ने 20 सितंबर को अदालत में समर्पण किया था जबकि दो अन्य को जिला पुलिस ने 22 एवं 24 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
उच्चतम न्यायालय ने 30 सितंबर को राज्य सरकार पर मामले के आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने के खिलाफ सात लाख रूपये का जुर्माना लगाया था।
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