जगनमोहन के खिलाफ अवमानना मामले में निर्णय पर पुनर्विचार करें अटॉर्नी जनरल : उपाध्याय
By भाषा | Published: November 5, 2020 05:21 PM2020-11-05T17:21:46+5:302020-11-05T17:21:46+5:30
नयी दिल्ली, पांच नवंबर भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने बृहस्पतिवार को अटॉर्नी जनरल (एजी) के के वेणुगोपाल से न्यायाधीशों के खिलाफ आरोप लगाने के सिलसिले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके प्रधान सलाहकार के विरूद्ध अवमानना की कार्यवाही के वास्ते सहमति देने से इनकार करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की।
किसी व्यक्ति के विरूद्ध अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए विधि अधिकारी की सहमति पूर्व शर्त है।
शीर्ष विधि अधिकारी ने न्यायपालिका के खिलाफ आरोप लगाने के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और उनके प्रधान सलाहकार अजय कल्लम के आचरण को दो नवंबर को ‘प्रथम दृष्टया अवज्ञाकारी’ करार दिया था लेकिन उपाध्याय को इस आधार पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही के वास्ते सहमति देने से इनकार कर दिया था कि प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के समक्ष यह विषय विचाराधीन है।
एक अप्रत्याशित कदम के तहत मुख्यमंत्री ने छह अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का इस्तेमाल ‘‘लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई मेरी सरकार को अस्थिर करने और गिराने के लिए’’ किया जा रहा है।
वेणुगोपाल ने इस मुद्दे और उपाध्याय की अर्जी का परीक्षण किया था और कहा था कि रेड्डी द्वारा प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखने और कल्लम द्वारा उसकी सामग्री को सार्वजनिक करने के लिए संवाददाता सम्मेलन बुलाने से संदेह पैदा हुआ।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ इस पृष्ठभूमि में, प्रथम दृष्टया, उक्त व्यक्तियों का आचरण अवज्ञाकारी है। लेकिन, जिस बात पर गौर किया जाना है वह यह है कि अवमानना का पूरा मामला मुख्यमंत्री के सीधे देश के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखने और बाद में कल्लम द्वारा संवाददाता सम्मेलन बुलाने से उत्पन्न हुआ है। प्रधान न्यायाधीश के सामने यह विषय विचाराधीन है। इसलिए इस मामले से निपटना मेरे लिए उपयुक्त नहीं होगा।’’
इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए उपाध्याय ने कहा, ‘‘मैं आपसे इन बिंदुओं (खासकर यह कि अवमानना का प्रश्न अन्यत्र कहीं लंबित नहीं है) पर आगे बढ़ने तथा मेरे अनुरोध पर सहमति देने के लिये पुनर्विचार करने की विनती करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह ऐसे वक्त एक बड़ा अहम विषय है जब हमारी न्यायपालिका लगातार हमलों से दो चार हो रही है और ऐसे में हममें से उनलोगों द्वारा सख्त रुख अपनाने की जरूरत है, जो इस संस्था के हिस्सा हैं।’’
उपाध्याय ने वेणुगोपाल को पत्र लिखकर उनसे रेड्डी और उनके सलाहकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चलाने के वास्ते उनकी मंजूरी मांगी थी।