लाइव न्यूज़ :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में 28 चिकित्सा अधिकारियों ने दिया सामूहिक त्यागपत्र

By भाषा | Updated: August 13, 2020 17:43 IST

त्यागपत्र में इन चिकित्सा अधिकारियों ने कहा है, ‘‘इतने मानसिक दबाव में वे सब प्रभारी का कार्य करने में असमर्थ हैं।’’

Open in App
ठळक मुद्देचिकित्सा अधिकारियों ने डॉ जंग बहादुर की मौत पर सवाल उठाया है सीएमओ वीबी सिंह का कहना है कि मेडिकल अधिकारियों को समझा बुझा दिया गया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 28 चि‍कि‍त्‍सा अधि‍कारि‍यों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह को सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंप दिया है। चिकित्सा अधिकारियों का आरोप है कि उप जिलाधिकारी उन पर दबाव बनाते हुए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।

इस्तीफा देने वाले चिकित्सा अधिकारियों ने अपने त्यागपत्र में लिखा है, 'सहायक नोडल अधिकारी सह उप जिलाधिकारी ने नौ अगस्त को प्रभारी चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कोविड-19 के दौरान किये गए कार्यों को अपर्याप्त बताया है। इस नोटिस से सभी प्रभारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है और लक्ष्य पूरा न होने पर आपराधिक कृत्य करार देने और और मुकदमा दायर करने की धमकी दी जा रही है।'

त्यागपत्र में इन चिकित्सा अधिकारियों ने कहा है, ‘‘इतने मानसिक दबाव में वे सब प्रभारी का कार्य करने में असमर्थ हैं।’’ इन अधिकारियों ने त्यागपत्र में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) की मौत के लि‍ये भी प्रशासन को जि‍म्‍मेदार ठहराया है। उनका आरोप है, ‘‘प्रशासन की ओर से एसीएमओ डॉ जंग बहादुर को बर्खास्‍त करने की धमकी दी गयी थी। इसी के सदमे से शायद उनकी मौत हुई है।’’

चि‍कि‍त्‍साधि‍कारि‍यों ने यह सवाल उठाया है कि‍ इस मौत की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा। दूसरी ओर सीएमओ वी बी सिंह का कहना है कि मेडिकल अधिकारियों ने इस्तीफा दिया है लेकिन उन्हें समझा बुझा दिया गया है और सभी लोग अपने काम पर लौट गए हैं। उन्होंनें कहा कि सभी लोग शाम की रिपोर्ट भी भेज रहे हैं।

इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने इस प्रकरण को लेकर राज्य सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया है कि समुचित सुविधाओं के अभाव में जान जोखिम में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे डॉक्‍टरों पर सरकारी दबाव और धमकी से स्थिति बिगड़ रही है। वाराणसी में 28 स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र प्रभारियों का सामूहिक इस्‍तीफा इसी का नतीजा है। उन्‍होंने सरकार से मांग की कि बिना भेदभाव के और सुविधा देकर उनसे सेवा लें तो बेहतर होगा। 

टॅग्स :वाराणसीउत्तर प्रदेशडॉक्टर
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत