सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को पदोन्नति में आरक्षण से मना नहीं किया जा सकता : न्यायालय
By भाषा | Updated: June 28, 2021 22:14 IST2021-06-28T22:14:59+5:302021-06-28T22:14:59+5:30

सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को पदोन्नति में आरक्षण से मना नहीं किया जा सकता : न्यायालय
नयी दिल्ली, 28 जून उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण देने से इनकार नहीं किया जा सकता और केरल उच्च न्यायालय के एक महिला को इसका लाभ देने के पिछले साल के आदेश को बरकरार रखा।
न्यायालय के कहा कि आरक्षण के उद्देश्य से पदों की पहचान दिव्यांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण सहभागिता) अधिनियम, 1995 के तुरंत बाद होनी थी लेकिन सही भावना से इसे लागू करने में सरकारी प्राधिकारियों द्वारा अपनाई गई “देरी की रणनीति” से इसका विरोध स्पष्ट है।
न्यायालय ने कहा कि कई बार कानून को प्रभावी करना आसान होता है लेकिन सामाजिक मनोभाव को बदलना कहीं ज्यादा मुश्किल जिससे कानून लाने की भावना ही विफल हो जाएगी।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय के 9 मार्च 2020 के आदेश को बरकरार रखा जिसमें उसने एक दिव्यांग महिला के लिये पदोन्नति में आरक्षण को बरकरार रखा था।
न्यायालय की पीठ ने कहा, “हमारी राय में उच्च न्यायालय के जिस आदेश को चुनौती दी गई है वह आदेश सलाम करने योग्य है और उसमें किसी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।”
पीठ ने कहा, “इसलिये हम केरल सरकार के लिये यह निर्देश जारी करना उचित मानते हैं कि वह फैसले को लागू करे और वह पदों की पहचान कर ऐसे सभी पदों पर पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करे। यह कवायद तीन महीने के अंदर पूरी कर ली जानी चाहिए।
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