मंगलवार (नौ जनवरी) को आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने दावा किया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का लापता रिसर्च स्कॉलर मुनान बशीर वानी आतंकी संगठन में शामिल हो चुका है। पिछले कई दिनों से गायब चल रहे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक पीएचडी छात्र मनान वानी ने कथित रूप से आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन जॉइन कर लिया है। पीएचडी रिसर्च स्कॉलर मनन वानी ने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली थी, जो वायरल हो गई थी।
जिसके बाद कहा गया है कि वह हिजबुल में शामिल हो गया है। जबकि वानी के आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने और एके-47 राइफल के साथ फोटो वायरल होने के बाद यूनिवर्सिटी ने छात्र को निष्कासित कर दिया है।एएमयू के स्कॉलर की फोटो वायरल होने के एक दिन बाद हिजबुल ने कहा है कि मुनान बशीर वानी ने हमारा संगठन में शमिल हुआ है। प्रतिबंधित संगठन के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन ने कहा है यह भारत का प्रोपेगेंडा है कि युवा बेरोजगारी और आर्थिक समस्याओं के कारण आतंकवादी संगठनों में शामिल हो रहे हैं।
मां ने बेटे को वापस आने को कहा
मनन वानी ने अपने बेटे से घर वापस आने को कहा है, उन्होंने कहा है बेटे मनन वापस आ जाओ तुम्हारी बहन की बहुत तबियत खराब है। हमें तुम्हारा इंतजार है।
तीन दिन पहले लौटा था
वानी शनिवार (छह जनवरी) से एएमयू से अपने घर कश्मीर लौटा था। वह पिछले पांच साल से एएमयू में पढ़ रहा था। वानी जिऑलजी में पीएचडी कर रहा था। वह यूनिवर्सिटी से घर नहीं आया। दो दिन पहले राइफल के साथ उसकी फोटो फेसबुक पर वायरल हो गई, जिसमें लिखा था कि उसने पांच जनवरी को हिज्बुल जॉइन कर लिया।'
लापता का केस दर्ज
रविवार को उसके पिता की तहरीर पर लापता होने का मामला दर्ज किया था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हम पीएचडी छात्र के मामले की जांच कर रहे हैं, जिसने पढ़ाई छोड़कर आतंकवाद का रास्ता अपना लिया है।'
मनान का परिवार और पढ़ाई
मनान एक संपन्न परिवार से है। उसके पिता लेक्चरर हैं और भाई जूनियर इंजिनियर है। उसने लोलाब में क्लास 10 तक जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की है। एक अन्य युवक आसिफ अहमद वागय की फोटो भी इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। उसने किस आतंकी संगठन को जॉइन किया, इसकी जानकारी अभी नहीं हो पाई है।
दोस्त के मारे जाने के बाद अपनाया था आतंक का रास्ता
एक मुठभेड़ में अपने किसी घनिष्ठ दोस्त के मारे जाने के बाद वह आतंकवाद की राह पर चल पड़ा था, वह दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में अपनी स्थानीय फुटबॉल टीम में गोलकीपर था।