दिल्ली: शाहीनबाग में रोहित वेमुला की मां और ‘दादियों’ ने तिरंगा फहराया

By भाषा | Published: January 27, 2020 07:35 AM2020-01-27T07:35:42+5:302020-01-27T07:35:42+5:30

रोहित की मां राधिका वेमुला, “दादियों” और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने गणतंत्र दिवस मनाने के लिए शाहीनबाग में जमा हुए बच्चों एवं महिलाओं सहित लोगों के साथ राष्ट्रगान गाया।

Republic Day: Rohit Vemula's mother & 'Dadis' hoisted the tricolor in Shaheenbagh | दिल्ली: शाहीनबाग में रोहित वेमुला की मां और ‘दादियों’ ने तिरंगा फहराया

रोहित वेमुला की फाइल फोटो।

Highlightsदिल्ली में शाहीनबाग के प्रदर्शन स्थल पर तीन बुज़ुर्ग महिलाओं और हैदराबाद विश्विद्यालय में खुदकुशी करने वाले रोहित वेमुला की मां ने रविवार को 71वें गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया।तीनों बुज़ुर्ग महिलाओं को “शाहीनबाग की दादियों” के तौर पर जाना जाता है।

दिल्ली में शाहीनबाग के प्रदर्शन स्थल पर तीन बुज़ुर्ग महिलाओं और हैदराबाद विश्विद्यालय में खुदकुशी करने वाले रोहित वेमुला की मां ने रविवार को 71वें गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया। तीनों बुज़ुर्ग महिलाओं को “शाहीनबाग की दादियों” के तौर पर जाना जाता है।

रोहित की मां राधिका वेमुला, “दादियों” और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने गणतंत्र दिवस मनाने के लिए शाहीनबाग में जमा हुए बच्चों एवं महिलाओं सहित लोगों के साथ राष्ट्रगान गाया।

इस मौके पर गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भी मौजूद थे। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और देश में प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ एक महीने से ज़्यादा वक्त से प्रदर्शनकारी दक्षिण दिल्ली के शाहीनबाग में धरने पर बैठे हुए हैं।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार सीएए और एनआरसी को खत्म करने का फैसला नहीं करती है, तब तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। बच्चों से लेकर महिलाओं तक एकता, समानता और धर्मनिरपेक्षता की भावना को मनाने के लिए देशभक्ति के गीत गा रहे थे। उनमें से कई राष्ट्रीय ध्वज थामे हुए थे। वे “ सीएए से आज़ादी, एनआरसी से आज़ादी, भाजपा से आज़ादी के नारे लगा रहे थे।”

बीते एक महीने से प्रदर्शन में हिस्सा ले रहीं दादियों में से एक 75 साल की सरवरी ने कहा, “ हम ऐसा प्रधानमंत्री नहीं चाहते जो हमारी शिकायत को न सुन सके और हमारी चिंताओं को दूर नहीं कर सके। प्रधानमंत्री या उनके किसी प्रतिनिधि ने हमसे अब तक क्यों बात नहीं की? वे हमसे मिलने क्यों नहीं आए और सीएए और एनआरसी को क्यों नहीं समझाया?”

82 वर्षीय बिलकिस ने कहा, “ यह हमारा देश है और हमारे पुरखों ने इस देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है। आज अगर हम इस देश के संविधान और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने की रक्षा करने में नाकाम रहते हैं, तो हम अपने राष्ट्र के भविष्य को बचाने में असफल रहेंगे। ”

जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि क्या सरकार इस तरह से “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” को बढ़ावा दे रही है? बिलकिस ने कहा, “ क्या छात्र अपने परिसरों में सुरक्षित हैं? क्या परिसर में घुस कर इस तरह से हमला करना सही था? क्या यह बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ है?” 90 साल की असमा खातून भी ध्वजारोहण कार्यक्रम का हिस्सा थीं। 

Web Title: Republic Day: Rohit Vemula's mother & 'Dadis' hoisted the tricolor in Shaheenbagh

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