समलैंगिक सेक्स को अपराध की श्रेणी से हटाना ‘‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षण’’ रहा : इंदु मल्होत्रा
By भाषा | Updated: March 12, 2021 22:48 IST2021-03-12T22:48:40+5:302021-03-12T22:48:40+5:30

समलैंगिक सेक्स को अपराध की श्रेणी से हटाना ‘‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षण’’ रहा : इंदु मल्होत्रा
नयी दिल्ली, 12 मार्च उच्चतम न्यायालय में सीधे न्यायाधीश नियुक्त की गईं पहली महिला वकील न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा सहमति से समलैंगिक सेक्स को अपराध की श्रेणी से हटाना ‘‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षण’’ था क्योंकि उस वक्त अदालत कक्ष में भावनाओं का ज्वार बह चला था।
न्यायमूर्ति मल्होत्रा शनिवार को सेवानिवृत्त होने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब अधिक से अधिक महिलाएं वकालत करेंगी और उन्हें उनकी क्षमता के आधार पर जब न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया जाएगा, तब पीठ में महिलाओं का ज्यादा प्रतिनिधित्व होगा।
महिला न्यायाधीश ने कहा, ‘‘पीठ में जब लैंगिक विविधता होती है तो समाज को काफी फायदा होता है।’’
न्यायमूर्ति मल्होत्रा ने सबरीमाला मंदिर मामले में असहमति वाला फैसला लिखा था। इसके अलावा व्यभिचार को अपराध की श्रेणी में रखने वाली आईपीसी की धारा 497 को असंवैधानिक ठहराने और उसे समाप्त करने वाली संविधान पीठ का भी वह हिस्सा रहीं।
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