हिंद-प्रशांत अवधारणा को अस्वीकार करना वैश्वीकरण को खारिज करने के समान है: जयशंकर

By भाषा | Updated: December 18, 2020 00:55 IST2020-12-18T00:55:33+5:302020-12-18T00:55:33+5:30

Rejecting the Indo-Pacific concept is akin to rejecting globalization: Jaishankar | हिंद-प्रशांत अवधारणा को अस्वीकार करना वैश्वीकरण को खारिज करने के समान है: जयशंकर

हिंद-प्रशांत अवधारणा को अस्वीकार करना वैश्वीकरण को खारिज करने के समान है: जयशंकर

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि हिंद-प्रशांत अवधारणा आने वाले कल की कोई संभावना नहीं, बल्कि बीते हुए कल की वास्तविकता थी और इसे अस्वीकार करना वैश्वीकरण को खारिज करने के समान है।

जयशंकर ने सीआईआई भागीदारी शिखर सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि हिंद-प्रशांत अवधारणा पर हाल के दिनों में हुए राजनयिक संवादों में काफी अधिक चर्चा हुई है।

उन्होंने रेखांकित किया कि वह पहले भी कह चुके हैं कि हिंद-प्रशांत अवधारणा आने वाले कल की कोई संभावना नहीं, बल्कि बीते हुए कल की वास्तविकता थी।

विदेश मंत्री ने कहा कि इस अवधारणा को अस्वीकार करना वैश्वीकरण को खारिज करने के समान है।

जयशंकर ने कहा, "वास्तव में, यह हिंद और प्रशांत महासागरों के संगम को दर्शाता है जिसे अब अलग-अलग क्षेत्रों के रूप में नहीं देखा जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Rejecting the Indo-Pacific concept is akin to rejecting globalization: Jaishankar

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे