मुंबई, 13 मार्च मनसुख हिरन मौत मामले में विवादों में घिरे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने ठाणे की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।
याचिका में वाजे ने कहा है कि हिरन की मौत के संबंध में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में किसी व्यक्ति के नाम का उल्लेख नहीं है।
वाजे ने प्राथमिकी को “निराधार और बिना किसी उद्देश्य के दर्ज की गई” बताया और कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि जब हिरन लापता थे और उनकी मौत होने की बात कही जा रही थी, तब वह (वाजे) दक्षिणी मुंबई के डोंगरी इलाके में थे।
वाजे ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-438 के तहत ठाणे के जिला सत्र न्यायालय में याचिका दायर की है।
इस धारा के तहत कोई भी व्यक्ति किसी मामले में गिरफ्तारी की आशंका होने पर अग्रिम जमानत का अनुरोध कर सकता है।
सत्र न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की तारीख 19 मार्च तय की है और जांच अधिकारी को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका में वाजे ने कहा कि हिरन की पत्नी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत खोखले शक पर आधारित है और निराधार है।
याचिका में कहा गया, “अपराध के संबंध में प्राथमिक सूचना देने वाले व्यक्ति के खोखले शक के आधार पर किसी नागरिक की गिरफ्तारी को जायज नहीं ठहराया जा सकता।”
उल्लेखनीय है कि हिरन की पत्नी ने वाजे पर उनके पति की संदिग्ध मौत में संलिप्त होने का आरोप लगाया है। वाजे को बुधवार को मुंबई अपराध शाखा से हटा दिया गया था।
वाजे की याचिका में कहा गया, “आवेदनकर्ता (वाजे) ठाणे में लंबे समय से रह रहा है। वह मृतक का ग्राहक या परिचित होता तब भी केवल प्राथमिकी के आधार पर उसका मकसद सिद्ध नहीं किया जा सकता।”
मामले की जांच कर रही एटीएस ने इस सप्ताह की शुरुआत में वाजे का बयान दर्ज किया है।
याचिका में कहा गया, “चार मार्च को पूरे दिन आवेदनकर्ता दक्षिण मुंबई में था। इसके बाद चार और पांच मार्च की दरम्यानी रात को आवेदनकर्ता को डोंगरी क्षेत्र में देखा गया। यह डोंगरी पुलिस थाने की स्टेशन डायरी में दर्ज है जिससे कथित तथ्य का सत्यापन होता है।”
अपराध शाखा में सहायक पुलिस निरीक्षक रहे वाजे का तबादला मुंबई पुलिस के नागरिक सुविधा केंद्र शाखा में किया गया है।
गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी।
हिरन ने दावा किया था कि कार उनकी है लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी। इस मामले में उस समय पेंच आया जब हिरन पांच मार्च को ठाणे में एक नदी किनारे मृत पाए गए थे।
हिरन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वाजे को दी थी और उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी। हालांकि, वाजे ने इससे इनकार किया है।
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