सीआईएसएफ के जवानों को टैटू ना बनवाने की बात हाल ही में कही गई थी। जिस पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। वहीं, कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि वायुसेना ने दिशा निर्देश जारी किया है कि सेना में अगर आप शामिल होने वाले हैं या शामिल होने जा रहे हैं जो टैटू नहीं बनवा सकते हैं।
जिसको बाद सीआईएफ ने भी टैटू पर रोक बात कही थी। ऐसे में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि सीआईएसएफ टैटू के कारण किसी को जॉब देने से मना नहीं कर सकता। दरअसल शोलापुर के एक शख्स को इस आधार पर नौकरी देने से मना कर दिया था क्योंकि उसने बांह पर टैटू गोदवाया था। जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जस्टिस आर एम बोर्डे और राजेश केतकर की बेंच ने इस मामले की सुनवाई है। उन्होंने सुनवाई करते हुए कहा है कि टैटू किसी के कर्तव्यों में दखलंदाजी नहीं करेगा। अगर कोई शख्स अन्य सभी योग्यताओं को पूरा करता है, तो सीआईएसएफ अधिकारियों को उसके लिए अपने नियमों में सुधार करना चाहिए।
वहीं, टैटू को एक धार्मिक निशानी बताते हुए बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता श्रीधर पखारे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए, पखारे ने सीआईएसएफ में कांस्टेबल पद के लिए आवेदन किया था। दरअसल याचिकाकर्चा की बाहों में एक धार्मिक टैटू बना था। फिलहाल इस मामले पर सीआईएसएफ की ओर से इस मामले पर कोई जवाब अभी नहीं आया है।