भारतीय सेना के लिए होने वाली नेपाली गोरखाओं की भर्ती रुकी, 'अग्निपथ' पर नहीं बन रही बात, जानें पूरा मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 25, 2023 10:16 AM2023-07-25T10:16:52+5:302023-07-25T10:18:32+5:30
भारत की तीनों सेनाओं में अब अग्निपथ योजना के नियमों के तहत की जा रही हैं। इसमें युवाओं को सिर्फ चार साल के लिए सेना में शामिल करने का प्रावधान है। हालांकि नेपाल चाहता है कि गोरखा भर्ती पहले की तरह पुरानी योजना के अनुरूप हो। इसी मुद्दे पर पेच फंसा है।
नई दिल्ली: भारतीय सेना में नेपाल के गोरखा दशकों से अपनी सेवा देते आए हैं। लेकिन भारतीय सेना के लिए होने वाली नेपाली गोरखाओं की भर्ती रुक गई है। इसकी वजह सेना की नई भर्ती योजना अग्निपथ है। भारत की तीनों सेनाओं में अब अग्निपथ योजना के नियमों के तहत की जा रही हैं। इसमें युवाओं को सिर्फ चार साल के लिए सेना में शामिल करने का प्रावधान है। हालांकि नेपाल चाहता है कि गोरखा भर्ती पहले की तरह पुरानी योजना के अनुरूप हो। इसी मुद्दे पर पेच फंसा है और नेपाल के राजी न होने के बाद पिछले साल वहां होने वाली सेना भर्ती रैली भी रद्द कर दी गई थी। तब से सेना ने नेपाल में कोई सेना भर्ती रैली आयोजित नहीं की है।
इस बारे में ने भारत में नेपाल के राजदूत शंकर प्रसाद शर्मा ने सोमवार, 24 जुलाई को कहा कि नेपाल से गोरखाओं की अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्तियों को ‘रोक’ दिया गया है लेकिन अभी मामला समाप्त नहीं हुआ है। शर्मा ने कहा कि फिलहाल दोनों देशों की सरकारों के बीच इस मुद्दे पर कोई ‘गंभीर बातचीत’ नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस पर मामला बंद हो गया है। भारत ने अग्निपथ पर कोई तंत्र विकसित किया है और नेपाल से भर्ती के लिए उसी तंत्र का इस्तेमाल करना चाहेगा। नेपाल कुछ और कह रहा है। हम पुरानी प्रणाली चाहते हैं। बस यह मसला है। ये अभी बंद नहीं हुआ है लेकिन मैंने दोनों देशों के बीच कोई गंभीर बातचीत होते नहीं देखी तो मैं बस यह कहूंगा की यह रूका हुआ है।"
बता दें कि भारतीय सेना के लिए नेपाली गोरखा बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। । नेपाल में गोरखा युवाओं की भारतीय सेना के लिए भर्ती का कार्य उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित 'गोरखा रिक्रूटमेंट डिपो' करता है। पिछले साल नेपाल के बुटवल में 25 अगस्त से सात सितंबर 2022 तक भारतीय सेना के लिए नेपाली गोरखा सैनिकों की भर्ती होनी थी। यह भर्ती सेना भर्ती की नई योजना अग्निपथ के तहत होनी थी। लेकिन नेपाल सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर असमंजस के कारण यह भर्ती टालनी पड़ी।
भारतीय सेना में नेपाली गोरखाओं की भर्ती 1947 में भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच हुई त्रिपक्षीय संधि के तहत होती है। अब तक इस भर्ती कभी कोई व्यवधान नहीं आया था और नेपाली गोरखा भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहे थे। 14 जून 2022 को भारत सरकार ने एक अहम घोषणा करते हुए अग्निपथ योजना के बारे में बताया था। इसके अनुसार 17 से 21 साल के युवाओं को अग्निवीर के रूप में केवल 4 साल के लिए चुना जाएगा। बाद में इन युवाओं में से 25 प्रतिशत को प्रदर्शन के आधार पर नियमित किया जाएगा।
इस योजना को लेकर नेपाल की अपनी चिंताएं हैं। नेपाल सरकार की चिंता है कि चार साल भारतीय सेना में रहने के बाद जो नौजवान वापस आएंगे, वे क्या करेंगे? उनके पास फौज की आधुनिक ट्रेनिंग होगी और ऐसे में इस बात की आशंका है कि उनकी ट्रेनिंग का कोई दुरुपयोग ना कर ले। इसे लेकर अब तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका है।