आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दर 0.4 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया, बढ़ती महंगाई को देखते हुए लिया फैसला
By विशाल कुमार | Published: May 4, 2022 02:46 PM2022-05-04T14:46:34+5:302022-05-04T14:54:24+5:30
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बढ़ती महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और वैश्विक स्तर पर जिंसों की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आईबीआई) ने गुरुवार को प्रमुख ब्याज दर को तत्काल प्रभाव से 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया। रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दर में बढ़ोतरी की है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 2-4 मई के बीच हुई अपनी बिना तय कार्यक्रम के आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में वृद्धि का मकसद मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि संभावना को मजबूत और सुदृढ़ करना है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और वैश्विक स्तर पर जिंसों की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक नीति समिति की बिना तय कार्यक्रम के आयोजित बैठक के बाद कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से मुद्रास्फीति बढ़ रही है और वैश्विक पुनरुद्धार डगमगा रहा है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने एकमत से नरम मौद्रिक रुख को जारी रखने का फैसला किया है।
खुदरा मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने से लक्ष्य की उच्चतम सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है। मार्च महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रही।