रावत के रिश्तेदार ने प्रशासन पर पूर्वजों की समाधि को नष्ट करने का आरोप
By भाषा | Updated: December 14, 2021 21:12 IST2021-12-14T21:12:34+5:302021-12-14T21:12:34+5:30

रावत के रिश्तेदार ने प्रशासन पर पूर्वजों की समाधि को नष्ट करने का आरोप
शहडोल (मप्र), 14 दिसंबर भारत के पूर्व प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के साले यशवर्धन सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि 10 दिसंबर को एक तरफ नयी दिल्ली में रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत का अंतिम संस्कार किया जा रहा था और दूसरी तरफ उसी दिन स्थानीय प्रशासन बुलडोजर एवं जेसीबी मशीन लगा कर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए उनके आवास राजाबाग परिसर में स्थापित पूर्वजों की समाधि को अवैध रूप से नष्ट कर रहा था।
फेसबुक पर डाली गई अपनी इस पोस्ट में सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि इसके अलावा, उस दिन प्रशासन उनके इसी परिसर में लगे पेड़ों को भी काट रहा था।
सिंह की इस पोस्ट के बाद शहडोल जिलाधिकारी वंदना वैद्य ने कहा कि हमने सड़क निर्माण का काम अभी रोक दिया है और यशवर्धन सिंह के दिल्ली से आने के बाद उनसे बात कर इस मामले का नियमानुसार निराकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें पांच साल पहले इस भूमि अर्जन के एवज में मुआवजा भी दिया जा चुका है।
मालूम हो कि तमिलनाडु के कुन्नूर के समीप आठ दिसंबर को सेना के एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य रक्षा कर्मियों की मौत हो गई थी।
फेसबुक पोस्ट में सिंह ने कहा, ‘‘10 दिसंबर को जिस दिन जीजाजी जनरल विपिन रावत व जिज्जी मधुलिका रावत का अन्तिम संस्कार किया जा रहा था और पूरा देश शोक में डूबा था, ठीक उसी वक्त मौके का फायदा उठाते हुए शहडोल स्थित हमारे निज निवास राजाबाग के परिसर में बुलडोजर और जेसीबी मशीन लगा कर बिना भूमि अधिग्रहण किये परिसर में स्थापित पूर्वजों की समाधि को अवैध रूप से नष्ट किया गया है।’’
उन्होंने यह भी लिखा, ‘‘हमारे इस परिसर में लगे पेड़ों को काटकर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण भी किया जा रहा है।’’
सिंह ने कहा कि सड़क निर्माण की बहाने प्रशासन द्वारा उनके साथ अन्याय किया जा रहा है।
वहीं, जिलाधिकारी ने बताया, ‘‘वर्ष 2015 में कटनी से गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के लिए वर्ष 2015 में भूमि का अर्जन किया गया था। वर्ष 2016 में यशवर्धन सिंह को 0.838 हेक्टेयर का 2,14,77,088 रुपए का मुआवजा भी दिया जा चुका है।’’
वैद्य ने बताया, ‘‘मैंने यशवर्धन सिंह से बात की है जिसमें उन्होंने बताया है कि जो पेड़ काटे गए हैं उनका मुआवजा नहीं मिला है।’’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने वकील के माध्यम से एसडीएम की अदालत में प्रतिनिधित्व भी किया है।
वैद्य ने बताया, ‘‘हमने सड़क का काम अभी रोक दिया है और यशवर्धन सिंह के दिल्ली से आने के बाद उनसे बात कर इस मामले का नियमानुसार निराकरण किया जाएगा।
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