Ranchi Violence: झारखंड की राजधानी रांची में हालात धीरे-धीरे हो रहे हैं सामान्य, 6 इलाकों से हटाई गई धारा 144

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 12, 2022 19:00 IST2022-06-12T18:56:32+5:302022-06-12T19:00:35+5:30

आज 6 इलाकों से ये धारा हटा ली गई है। जबकि हिंदपीढ़ी, डेलीमार्केट, कोतवाली, लोअर बाजार, चुटिया और डोरंडा थाना में अब धारा 144 लागू रहेगी। इंटरनेट सेवा को भी बहाल कर दिया गया है।

Ranchi Violence, the capital of Jharkhand, the situation is gradually becoming normal | Ranchi Violence: झारखंड की राजधानी रांची में हालात धीरे-धीरे हो रहे हैं सामान्य, 6 इलाकों से हटाई गई धारा 144

Ranchi Violence: झारखंड की राजधानी रांची में हालात धीरे-धीरे हो रहे हैं सामान्य, 6 इलाकों से हटाई गई धारा 144

Highlightsरांची में इंटरनेट सेवा को भी बहाल किया गयाराजधानी के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू रहेगीहिंसा में घायल और मृतकों के लिए की मुआवजा की मांग

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में मचे बवाल के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती दिख रही है। हालांकि, तनाव का माहौल अब भी बना हुआ है, ऐसे में पुलिस बल पूरी तरह चौकस है और प्रशासन हर गतिविधि पर नजर बनाये हुए है। स्थिती तनावपूर्ण देख प्रशासन ने रांची के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी थी। लेकिन आज 6 इलाकों से ये धारा हटा ली गई है। जबकि हिंदपीढ़ी, डेलीमार्केट, कोतवाली, लोअर बाजार, चुटिया और डोरंडा थाना में अब धारा 144 लागू रहेगी। इंटरनेट सेवा को भी बहाल कर दिया गया है।

वहीं, मेन रोड में अघोषित कर्फ्यू सा नजारा है। हिंदपीढ़ी और कर्बला चौक के इलाके को सील रखा गया है। इन इलाकों से ना किसी को निकलने दिया जा रहा है, ना ही प्रवेश करने दिया जा रहा है। इन इलाकों से निकलने या प्रवेश करने की अनुमति केवल वैसे लोगों को है, जिन्हें अनिवार्य काम के लिए कहीं जाना है। जो अस्पताल का पर्ची दिखा रहे हैं या किसी दूसरे जरूरी काम का हवाला दे रहे हैं। 

मेन रोड के सभी इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। रांची में लगातार आज दूसरे दिन भी पुलिस फ्लैग मार्च करती रही। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। इसके लिए साइबर सेल की एक विशेष टीम बनाई गई है, जो रांची के विभिन्न वाटसएप ग्रुप, फेसबुक, टि्वटर और इंस्टाग्राम पर नजर रख रही है। 

रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों की खैर नहीं। अगर अफवाह फैलाने वाले पोस्ट पकड़े गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच रांची में हिंसा का यूपी कनेक्शन सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि एक हफ्ते पहले सहारनपुर से लगभग एक दर्जन लोग रांची आए थे। इन्होंने विवादित टिप्पणी को लेकर कुछ युवकों से चर्चा की थी। सूत्रों की मानें तो पुलिस रांची में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में बाहरी तत्वों की संलिप्तता की जांच कर रही है। 

सूत्रों ने बताया है कि एक हफ्ते पहले सहारनपुर से 12 लोग रांची आए थे और पैगंबर मोहम्मद पर नुपूर शर्मा के बयान को लेकर एक समुदाय के युवाओं से चर्चा की थी। इन लोगों ने कथित तौर पर युवाओं को हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसाया और विरोध प्रदर्शन का रोडमैप बनाने का काम सौंपा था। उल्लेखनीय है कि रांची में हुई हिंसा में जितने प्रदर्शनकारी थे। उसमें ज्यादातर युवा थे। इन्हें सहारनपुर से आए लोगों ने धर्म के नाम पर भडकाया था। अब पुलिस टीम बाहर से आए इन लोगों की जांच में जुटी है। 

इस बीच प्रदर्शनकारियों पर जुल्म करने का आरोप लगाते हुए जमीय उलेमा-ए-हिंद के महासचिव एम हकिमुद्दीन कासमी ने कहा कि सरकार को घायलों का इलाज करना चाहिए और 'शहीदों' के परिवार वालों मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे प्रदर्शन में घायल हुए लोगों की मदद करें और मृतकों के परिजनों को मुआवजा प्रदान करें। 

उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर भी बड़ा सवाल खड़ा किया है। कासमी ने कहा कि जनता को मारने में वे भी शामिल थी। उन्होंने ना सिर्फ मृतकों को शहीद बताया बल्कि उपद्रवियों के नंगा नाच को महज हादसा बताया। 

कासमी ने कहा कि और भी जगहों पर हालात पैदा हुए, लेकिन रांची में जो हादसा हुआ इससे सिर्फ रांची, झारखंड नहीं पूरे मुल्क में बहुत बदनामी हो रही है, उससे आपको अपने सूबे को बचाना चाहिए। रोकने के और भी बहुत से तरीके हैं, लेकिन अचानक गोली चला दी गई, इस जमहूरी मुल्क के ढांचे को बर्बाद किया जा रहा है, यह बात मुनासिब नहीं है। 

वहीं हिंसा के दौरान कथित तौर पर पुलिस की फायरिंग में मारे गए दो लोगों के परिजनों ने दावा किया है कि वे जुलूस का हिस्सा नहीं थे। रांची में हुए उपद्रव में जहां मोहम्मद मुद्दसिर कैफी और मोहम्मद साहिल की मौत हो गई तो दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
 

Web Title: Ranchi Violence, the capital of Jharkhand, the situation is gradually becoming normal

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