SC-ST कानून को प्रभावी बनाए रखने के लिए रामविलास पासवान ने मोदी सरकार से पुनर्विचार याचिका दायर करने को कहा
By भाषा | Updated: March 22, 2018 20:11 IST2018-03-22T20:11:16+5:302018-03-22T20:11:16+5:30
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से अनुसूचित जाति और जनजातियों में बहुत अधिक नाराजगी है

SC-ST कानून को प्रभावी बनाए रखने के लिए रामविलास पासवान ने मोदी सरकार से पुनर्विचार याचिका दायर करने को कहा
नयी दिल्ली, 22 मार्च: केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान और एक दलित संगठन ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के कड़े प्रावधानों को नरम बनाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार के लिये यथाशीघ्र याचिका दायर करने का केन्द्र से अनुरोध किया।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से अनुसूचित जाति और जनजातियों में बहुत अधिक नाराजगी है और सरकार को जल्द पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। पासवान ने कहा कि इस मामले में उनकी पार्टी भी पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।
इस बीच, दलित शोषण मुक्ति मंच की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति ने भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि शीर्ष अदालत के20 मार्च के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की जाये ताकि कानून प्रभावी बना रहे। संगठन ने कहा है, ‘‘ कानून के कड़े प्रावधानों को हल्का बनाये जाने से न्याय को बहुत धक्का लगेगा। इसे याद रखा जाना चाहिए कि कई मामलों में आरोपी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकारी कार्यालय और विभाग ऐसे जगह हैं, जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ अन्याय होता है। पुलिस का भी समाज के ऐसे तबकों के खिलाफ गंभीर अपराध करने का रिकॉर्ड है।’’