उपचुनावः साफिया ने जीता राजस्थान का 'गढ़', JNU के यूज्ड कंडोम गिनने वाले आहूजा का टिकट काटना BJP को पड़ा भारी?
By रामदीप मिश्रा | Published: January 31, 2019 05:20 PM2019-01-31T17:20:58+5:302019-01-31T17:20:58+5:30
कांग्रेस रामगढ़ विधानभा सीट पर 1990 से लगातार मुस्लिम प्रत्याशी पर भाग्य आजमाती आ रही है। इस बीच उसे 1990 और 1993 में जुबैर खान ने सफलता दिलवाई और खान यहां से लगातार दो बार विधायक रहे। कुल मिलाकर कांग्रेस की इस सीट पर यह 11वीं जीत है।
राजस्थान के अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों का परिणाम गुरुवार को जारी कर दिया गया। इस सीट पर कांग्रेस ने बाजी मारी है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हार का सामना करना पड़ा है। यह सीट बीजेपी से तीन बार विधायक रहे ज्ञानदेव आहूजा की वजह से भी चर्चा में रही क्योंकि आहूजा ने अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियां बटोरी हैं, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें रामगढ़ से टिकट नहीं दिया और पार्टी प्रत्याशी सुखवंत सिंह पर भाग्य आजमाया।
कांग्रेस इस सीट पर 11वीं बार जीती
कांग्रेस इस सीट पर 1990 से लगातार मुस्लिम प्रत्याशी पर भाग्य आजमाती आ रही है। इस बीच उसे 1990 और 1993 में जुबैर खान ने सफलता दिलवाई और खान यहां से लगातार दो बार विधायक रहे। कुल मिलाकर कांग्रेस की इस सीट पर यह 11वीं जीत है। वहीं, 1998 में ज्ञानदेव आहूजा ने यहां जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था। हालांकि 2003 में कांग्रेस ने दोबारा सीट पर कब्जा किया और जुबैर खान तीसरी बार विधायक बने। 2008 में फिर से आहूजा ने वापसी की और लगातार दो बार विधायक चुने गए।
ज्ञानदेव आहूजा ने जेएनयू पर दिया था विवादित बयान
आहूजा को उम्मीद थी कि बीजेपी सूबे के विधानसभा चुनाव 2018 में उसे फिर रामगढ़ से टिकट देगी, लेकिन पार्टी ने उन्हें करारा झटका दिया। इसके बाद वह नाराज हो गए और निर्दलीय चुनाव लड़ने तक का ऐलान कर दिया था। हालांकि पार्टी ने समझाइश कर मामले को शांत कराया। बताया जा रहा था कि बीजेपी खेमे को ऐसी उम्मीद थी कि उनकी विवादित बयानों की वजह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। दरअसल, उन्होंने ज्ञानदेव आहूजा उस समय विवादत बयानों के लेकर सुर्खियों में आए जब उन्होंने जेएनयू को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जेएनयू में रोजाना करीब 50 हजार हड्डी के टुकड़े और 3 हजार से ज्यादा इस्तेमाल किए हुए कंडोम मिलते हैं। यही नहीं उन्होंने दावा किया था कि 500 से ज्यादा इस्तेमाल किए हुए अबॉर्शन इंजेक्शन भी जेएनयू में मिलते हैं।
कांग्रेस के पास हुआ स्पष्ट बहुमत
बीजेपी ने आहूजा को किनारे कर रामगढ़ सीट के लिए सुखवंत सिंह पर भरोसा जताया। लेकिन, कांग्रेस प्रत्याशी साफिया जुबैर खान ने सुखवंत सिंह को 12 हजार, 228 वोटों के बड़े अंतर से हराया, जबकि तीसरे स्थान पर बीएसपी के जगत सिंह रहे। साफिया जुबैर को कुल 83311 वोट हासिल हुए। साफिया तीन बार विधायक रहे जुबैर खान की पत्नी हैं। रामगढ़ फतह करने के बाद कांग्रेस के पास 100 सीट पूरी हो गई हैं। एक सीट गठबंधन में आई है जिससे उसका स्पष्ट बहुमत हो गया है क्योंकि उसके पास 101 सीटें पूरी हो गई हैं। प्रदेश में कुल 200 विधानसभा सीटें है।
199 सीटों के लिए हुए थे विधानसभा चुनाव
ध्यान रहे कि राजस्थान में कुल 200 में से 199 सीटों पर मतदान बीते साल सात दिसंबर को हुआ था। बसपा प्रत्याशी के निधन के कारण रामगढ़ सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था। 199 सीटों में कांग्रेस को 99 मिलीं और उसकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को एक सीट। बीजेपी यहां 73 सीटों पर सिमट गई थी। 6 विधायक बसपा के और 13 निर्दलीय जीते थे। इन सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन दिया।