राम मंदिर ट्रस्ट में होंगे 15 सदस्य, सदस्य की घोषणा, अयोध्या के राजा विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्रा पहले मेंबर
By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 5, 2020 19:28 IST2020-02-05T19:28:53+5:302020-02-05T19:28:53+5:30
अयोध्या के राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को राम मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टी बनाया गया है। कमिश्नर ट्रस्ट के बाकी सदस्यों के नाम की घोषणा करने वाले हैं। इस पेपर हो राजा अयोध्या विमलेंद्र मोहन से रिसीव कराया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में वैकल्पिक स्थान पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए नव गठित ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का कार्यालय दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा।
अयोध्या के राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को राम मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टी बनाया गया है। कमिश्नर ट्रस्ट के बाकी सदस्यों के नाम की घोषणा करने वाले हैं। इस पेपर हो राजा अयोध्या विमलेंद्र मोहन से रिसीव कराया गया है। कमिश्नर ने इसी आधार पर ट्रस्टी का चार्ज दिया है। एक अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि के आवंटन का पत्र जारी कर चुकी है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में पिछले साल नौ नवंबर को फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि उस जगह पर मंदिर के निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाना होगा, जहां के बारे में कई हिंदू मानते हैं कि भगवान राम का जन्म हुआ था।
उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में वैकल्पिक स्थान पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया था। अधिसूचना में कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय- आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-एक, नयी दिल्ली-110048 है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन को अपनी मंजूरी दे दी है । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ट्रस्ट में दलित समुदाय के एक सदस्य सहित 15 सदस्य होंगे।
मंत्रालय ने कहा कि अयोध्या के निश्चित क्षेत्रों का अधिग्रहण कानून,1993 सात जनवरी 1993 से लागू हुआ और उत्तरप्रदेश के अयोध्या मंडल के संभागीय आयुक्त को क्षेत्र को अधिकार में लेने और इसके प्रबंधन के लिए अधिकृत व्यक्ति नियुक्त किया गया।
अधिसूचना में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर 2019 के आदेश के आलोक में भारत सरकार ने एक कार्यक्रम को मंजूरी दी, जिसमें ट्रस्ट के कामकाज को लेकर आवश्यक प्रावधान हैं । प्रावधान में मंदिर के निर्माण सहित ट्रस्ट के प्रबंधन, न्यासियों की शक्तियों आदि के प्रावधान हैं।
पांच फरवरी के आदेश नंबर 71011/02/2019-एवाई से कार्यक्रम को मंजूर किया गया । मंत्रालय ने कहा कि शीर्ष न्यायालय के निर्देश की तामील करते हुए विवादित स्थल के अंदर और बाहर के क्षेत्र का कब्जा ट्रस्ट को सौंपा जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि कानून के तहत अधिग्रहित क्षेत्र के बाहर केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मशविरा कर पांच एकड़ जमीन अयोध्या में महत्वपूर्ण जगह पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को सौंपने का फैसला किया है। मंत्रालय ने कहा है कि अतीत में सांप्रदायिक गड़बड़ियों, कानून व्यवस्था से जुड़ी संभावित परिस्थितियों और सांप्रदायिक सद्भाव और सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं पर विचार करने के बाद ऐसा किया है।
Erstwhile Ayodhya Royal Bimlendra Mohan Pratap Mishra to be one of the fifteen members of the 'Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra' Trust, set up for the construction of Ram Temple. pic.twitter.com/kuvQWLVg5X
— ANI UP (@ANINewsUP) February 5, 2020