Ram Mandir: "नेहरू ने हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया, राहुल गांधी का दिमाग दूषित हो गया है", किन्नर महामंडलेश्वर ने कांग्रेस द्वारा समारोह का निमंत्रण ठुकराने पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 18, 2024 01:26 PM2024-01-18T13:26:49+5:302024-01-18T13:34:30+5:30
किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने कांग्रेस समेत विपक्ष द्वारा मंदिर समारोह का बहिष्कार किये जाने को बेहद शर्मनाक बताया है।
वाराणसी: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने कांग्रेस समेत विपक्ष द्वारा मंदिर समारोह का बहिष्कार किये जाने को बेहद शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा है लेकिन विपक्ष जिस तरह से समारोह की आलोचना कर रहा है, उससे पूरे देश को शर्म आ रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार हेमांगी सखी ने कहा, "कांग्रेस ने राम मंदिर की स्थापना के लिए पहल क्यों नहीं की? 1949 में नेहरू और अन्य नेताओं को मंदिर की स्थापना करनी चाहिए थी। नेहरू और कांग्रेस ने हिंदुओं के लिए कभी कुछ नहीं किया। उन्होंने कभी भी हिंदुओं और मुसलमानों के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया। आज जब पीएम मोदी ने राम मंदिर पर पहल की तो कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि वो इस कार्यक्रम समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं।"
यह पूछे जाने पर कि इसे पुनः प्राण प्रतिष्ठा समारोह क्यों कहा जाता है, हेमांगी सखी ने कहा, "राम मंदिर पहले से ही वहां था, जो मुगल काल के दौरान कई अन्य मंदिरों के साथ तोड़ दिया गया था।"
राम मंदिर को अधूरा बताने के लिए विपक्षी हमले और शंकराचार्यों की बात पर हेमांगी सखी ने बेहद तीखा जवाब देते हुए कहा, "यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मंदिर को गुंबद और झंडे मिलने चाहिए। यह जरूरी नहीं की गुंबद और झंडे के बाद ही प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है। मैं यही कहना चाहती हूं कि समारोह में शंकराचार्य को भी बुलाया गया था लेकिन वो लोग बाहरी लोगों को मौका दे रहे हैं कि वो हमें कोस सकें।"
इसके साथ हेमांगी सखी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में अपनी समझ बढ़ाने की जरूरत है।
सखी ने कहा, "राहुल गांधी का दिमाग दूषित है। वह नई पीढ़ी से हैं, इसलिए उन्हें अपनी समझ बढ़ाने की जरूरत है। वह सोच रहे हैं कि बीजेपी और आरएसएस राम मंदिर का दावा कैसे कर रहे हैं लेकिन यह सच नहीं है। बीजेपी और आरएसएस ने हमेशा धर्म की रक्षा की और अब भी वो धर्म की रक्षा कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के शासनकाल के दौरान साधुओं पर लाठियां बरसाई गईं और उन पर गोलियां चलाई गईं। इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान साधुओं पर गोलियां चलाई गईं। मैं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से सवाल करना चाहता हूं कि क्या वे देश के बाहर से हैं या सपा और कांग्रेस देश के बाहर के हैं।"
मालूम हो कि बीते 16 जनवरी को राहुल गांधी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बीजेपी और आरएसएस का राजनीतिक कार्यक्रम करार दिया था।
राहुल गांधी ने कहा था, "आरएसएस और भाजपा ने 22 जनवरी के समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी समारोह बना दिया है। यह आरएसएस-भाजपा का समारोह है और मुझे लगता है कि इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह समारोह में नहीं जाएंगे। हमारे दरवाजे सभी धर्मों के लिए खुले हैं।"